सतत कृषि का मतलब है फसल को इस तरह उगाना जो अभी और भविष्य में भी पर्यावरण के लिए अनुकूल हो, किसानों के लिए सही हो, और समुदायों के लिए सुरक्षित हो। हानिकारक रसायनों का उपयोग करने या मिट्टी को नुकसान पहुँचाने के बजाय यह फसलों को बदलने, खाद का उपयोग करने और पानी बचाने जैसे प्राकृतिक तरीकों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण न केवल प्रकृति की रक्षा करने में मदद करता है, बल्कि किसानों की लागत कम करके और उन्हें एक स्थिर आय अर्जित करने में भी मदद करता है। इसका मतलब यह भी है कि हम जो खाना खाते हैं वह ताज़ा, स्वस्थ और अधिक जिम्मेदारी से उत्पादित हो सकता है। ऐसी दुनिया में जहाँ जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और खाद्य असुरक्षा वास्तविक समस्याएँ हैं, टिकाऊ कृषि एक बेहतर, दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है जो सभी को लाभान्वित करती है - हमारी फसल को उगाने वाले लोगों से लेकर इसे खाने वाले लोगों तक। छात्रों सहित युवा लोगों को यह सीखकर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए कि उनका भोजन कहाँ से आता है और ऐसे विकल्प चुनें जो एक स्वस्थ ग्रह का समर्थन करते हैं। संधारणीय कृषि क्या है? मृदा अपरदन, जलवायु परिवर्तन और खा...
प्रधानमंत्री मोदी ने देश में की शुरुआत की है। साथ ही इसमें रोजगार का अच्छा अवसर भी मिल रहा है। तो इस लेख में हम प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के बारे में बिस्तार से बात करेंगे। यहाँ आपको लाभ एवं इसे कहाँ पर चालू करे? किसान समृद्धि केंद्र का आवेदन कैसे करें। सभी जानकारी मिल जाएगी। किसान समृद्धि केंद्र क्या है? किसानो की खेती की जरूरतों को पूरा करने के लिए इंतजार करना पड़ता है। या अन्य प्रकार की योजना बनानी पड़ती है। किसान समृद्धि केंद्र से खेती की जरूरत को आसानी से पुरा किया जा सकेगा। अगर आप किसान है या बेरोजगार है तो आप किसान समृद्धि केंद्र खोल सकते है। जो आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है। प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र एक योजना है जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसान हित में शुरू किया है। यह कृषि आधारित योजना है। जिसमे कृषि से संबंधित सामिग्री जैसे खाद , बीज , उर्वरक , दवाएं, सलाह एवं कृषि मशीन उपकरण तथा मिटटी के परीक्षण की सुविधा आसानी से मिल जाती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 अक्टूबर को इस योजना की शुरुआत करते हुए किसान समृद्धि केंद्र का उद्घाटन किया...