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संधारणीय कृषि: एक जिम्मेदार भविष्य का निर्माण

सतत कृषि का मतलब है फसल को इस तरह उगाना जो अभी और भविष्य में भी पर्यावरण के लिए अनुकूल हो, किसानों के लिए सही हो, और समुदायों के लिए सुरक्षित हो। हानिकारक रसायनों का उपयोग करने या मिट्टी को नुकसान पहुँचाने के बजाय यह फसलों को बदलने, खाद का उपयोग करने और पानी बचाने जैसे प्राकृतिक तरीकों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण न केवल प्रकृति की रक्षा करने में मदद करता है, बल्कि किसानों की लागत कम करके और उन्हें एक स्थिर आय अर्जित करने में भी मदद करता है। इसका मतलब यह भी है कि हम जो खाना खाते हैं वह ताज़ा, स्वस्थ और अधिक जिम्मेदारी से उत्पादित हो सकता है। ऐसी दुनिया में जहाँ जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और खाद्य असुरक्षा वास्तविक समस्याएँ हैं, टिकाऊ कृषि एक बेहतर, दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है जो सभी को लाभान्वित करती है - हमारी फसल को उगाने वाले लोगों से लेकर इसे खाने वाले लोगों तक। छात्रों सहित युवा लोगों को यह सीखकर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए कि उनका भोजन कहाँ से आता है और ऐसे विकल्प चुनें जो एक स्वस्थ ग्रह का समर्थन करते हैं। संधारणीय कृषि क्या है? मृदा अपरदन, जलवायु परिवर्तन और खा...

भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं

भारत में सरकारी योजनाएं विभिन्न आवशयकताओं के समाधान, जीवन स्तर में सुधार, विभिन्न कार्यों को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास में सहयोग देने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रम हैं। देश की सरकार अपने लोगों के लिए उनकी आवश्यकताओ को ध्यान में रखकर नई महत्वाकांक्षी योजनाओ की घोषणा करती है। ये योजनाएं कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और सामाजिक कल्याण सहित कई क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की जाती हैं।

सर्वश्रेष्ठ केन्द्रीय योजनाएं | All Central Government Schemes

भारत में सरकारी योजनाओं का एक विशाल नेटवर्क है जिसका उद्देश्य अपने देश के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना है। केन्द्र सरकार की ये योजनाएं स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, आवास, कृषि और सामाजिक कल्याण सहित समाज के विभिन्न पहलुओं को कवर करती हैं। सरकार किसानों के लाभ के लिए राज्य वित्तपोषित सरकारी योजनाएं लाती हैं। पीएम मोदी योजना, किसान सम्मान निधि कृषि के लिए केंद्र सरकार की योजनाएं हैं। भारत में सरकार ने आगे आने वाली विभिन्न सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ और कार्यक्रम शुरू किए हैं। गरीबों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने करीब 2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

सामाजिक विकास योजनाए

ये सरकार की योजनाएं समाज के विभिन्न कमज़ोर व जरुरतमंदों आवश्यकतों के मद्देनजर उनके विकास और भलाई सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई हैं। सामाजिक विकास योजनाएँ संरचित रणनीतियाँ या सरकार की पहल हैं जो भारत की आबादी या विशिष्ट समुदायों के विकास, उनके जीवन में सहयोग और सामाजिक स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई हैं। ये केद्रीय योजनाएँ विभिन्न सामाजिक विषय जैसे गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आवास, रोजगार और बुनियादी कार्यों तक पहुँच के बारे में ध्यान केंद्रित करती हैं जिसका लक्ष्य समान विकास और सतत सामाजिक प्रगति हासिल करना है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई)

जन धन योजना देश में वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गयी योजना है। यह योजना ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों के लिए बैंक खाते, डेबिट कार्ड और वित्तीय सेवाओं  उपलब्ध करती है।

अटल पेंशन योजना (एपीवाई)

पेंशन स्कीम असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सेवानिवृत्ति होने के बाद उनको वित्तीय लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गयी है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई)

देश में उज्ज्वला योजना महिलाओ के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लायी है। रसोई गैस बिना धुआँ के स्वच्छ खाना पकाने की प्रकिया में बड़ा बदलाव है। एलपीजी ईंधन को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी ने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी गैस कनेक्शन देकर घरेलु गैस सिलेंडर प्रदान किये।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान)

भारत में लगभग 80% किसान छोटे किसान हैं।देश के किसानों को खेती की जरूरतें में मदद करने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से देश के प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की। मोदी सरकार छोटे किसानों को प्राथमिकता देकर उनके हितों को बेहतर बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। वर्तमान में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत बुनियादी जरूरतों के लिए सीधे किसानों के खातों में पैसे भेजे जाते हैं।

स्वास्थ्य और शिक्षा योजना

स्वास्थ्य और शिक्षा योजना से तात्पर्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) या अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए तैयार की गई संरचित पहल या कार्यक्रमों से है। इन योजनाओं का उद्देश्य समाज के सभी सदस्यों, विशेष रूप से कमज़ोर समूहों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा तक समान पहुँच प्रदान करना है। सरकार पूरे भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएँ चलाती है।

आयुष्मान भारत (PMJAY)

पीएम-जय देश की एक स्वास्थ्य बीमा योजना है जो माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार ₹5 लाख तक का स्वाथ्य कवरेज प्रदान करती है। आयुष्मान भारत योजना की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं से गरीबों को 40 से 50,000 करोड़ रुपए की बचत करने में मदद मिली है। 8,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों ने सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराई हैं, जिससे करोड़ों रुपये का खर्च बच रहा है। टीकाकरण अभियान का विस्तार करके अधिक से अधिक गरीब लोगों को शामिल करके और मिशन इंद्रधनुष में नए टीके लगाकर लाखों बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अनेक बीमारियों से बचाया गया है।

सर्व शिक्षा अभियान (SSA)

प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने के उद्देश्य से देश के सभी 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सरकार ने मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करने के लिये सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की।

वित्तीय समावेशन और उद्यमिता योजनाएँ

इन योजनाओं का उद्देश्य विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में उद्यमिता का समर्थन करना और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की वित्तीय समावेशन और उद्यमिता योजनाओं का उद्देश्य जनता को वित्तीय सेवाओं को उपलब्ध कराने और व्यवसायों के निर्माण और विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई पहल हैं विशेष रूप से कमजोर या वंचित समूहों के लिए। इन योजनाओं का उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों को अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेने के लिए आवश्यक उपकरण और अवसर प्रदान करके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।

स्टार्टअप इंडिया

स्टार्टअप के लिए विभिन्न प्रोत्साहन, वित्तपोषण सहायता और व्यवसाय करने में आसानी प्रदान करके उद्यमिता को बढ़ावा देने का लक्ष्य।

मुद्रा योजना

भारत में छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, विशेष रूप से गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करती है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई)

मुद्रा योजना के अंतर्गत स्टार्टअप को तीन प्रकार के ऋणों (शिशु, किशोर और तरुण) के माध्यम से छोटे व्यवसायों को सूक्ष्म वित्तीय सहायता प्रदान करती है। मुद्रा योजना के माध्यम से सरकार ने नई कंपनी शुरू करने के इच्छुक लोगों को सस्ते लोन उपलब्ध कराए हैं। पिछले छह वर्षों में इसके तहत करीब 29 करोड़ लोगों को लोन दिया जा चुका है। मुद्रा योजना के तहत देशवासियों को करीब 15 लाख करोड़ रुपए मिले हैं।

दीनदयाल ग्रामीण कौशल योजना

के माध्यम से युवाओं के कौशल विकास के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि रोजगार के अवसरों का और अधिक विस्तार हो सके। इस कार्यक्रम ने युवाओं के रोजगार और कौशल विकास में बहुत मदद की है। ग्रामीण क्षेत्रों के युवा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से निःशुल्क उद्यमिता शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा करते हुए, ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण गरीबी को खत्म करने और गांव की खुशहाली बढ़ाने के उद्देश्य से कई तरह की पहल कर रहा है।

स्वनिधि योजना

कई ग्रामीण रोड पर रेडी का काम भी करते हैं। इसके अलावा, उन्हें स्वनिधि योजना के तहत बैंक से पैसे उधार लेने की सुविधा भी दी गई। अभी तक 25 लाख से ज़्यादा लोगों को बैंक से लोन मिल चुका है। आप किसी और के पास जाए बिना अपने प्रोजेक्ट पर काम जारी रख सकते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना है कि बैंक और सरकार ऋण प्रदान करने के लिए उपलब्ध हैं। इसलिए, जो लोग योग्य हैं उन्हें किसी और से पैसे उधार लेने की ज़रूरत नहीं है।

बुनियादी ढांचा और ग्रामीण विकास

बुनियादी ढांचे और ग्रामीण विकास से तात्पर्य ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं, सेवाओं और जीवन स्थितियों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई शुरुआत और प्रयासों से है। ये प्रयास आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और ग्रामीण आबादी के जीवन स्तर को मजबूत बनाने के लिए सड़क, बिजली, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और बेहतर नेटवर्क जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण या उन्नयन पर केंद्रित हैं। सरकार के पास ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई योजनाएं हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) 

आवास योजना शहरी और ग्रामीण गरीबों को आसान और किफायती आवास लोन प्रदान करती है जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजना को वितरित किया गया है। सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल के अनुसार, हर गरीब व्यक्ति के पास पक्का घर होना चाहिए। ऐसा करने के लिए, भारत सरकार ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गरीबों के लिए लगभग चार करोड़ पक्के घर बनाए हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल में, मोदी जी ने शहरों में एक करोड़ और गांवों में दो करोड़ पक्के घर बनाने का संकल्प लिया है।

स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छता अभियान का उद्देश्य सड़कों, गलियों और बुनियादी ढांचे को साफ करना है इसके अंतर्गत स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन को भी ध्यान में रखते हुए योजना शुरू की गयी है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)

प्रधानमंत्री सड़क योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को मार्गों का नवीनीकरण व पुनरुद्धार करके सभी मौसमों में सड़क संपर्क प्रदान करना है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू करने से पहले, गाँवों में बहुत अधिक सड़कें नहीं थीं। प्रत्येक गाँव में लगभग 775,000 किलोमीटर सड़कें बनाकर, ग्रामीण विकास विभाग ने इस कार्यक्रम के तहत साल भर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का कार्य पूरा कर लिया है।

ग्रामीण कौशल्या योजना

केंद्र सरकार ने स्वानिधि योजना को 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को 1 वर्ष  के लिए 10,000 रु. की आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

अमृतसर सरोवर

सरकार ने एक और दूरदर्शी कार्यक्रम शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने तय किया कि प्रत्येक जिले में 75 सरोवर होने चाहिए। अब तक 68,000 अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं। जिससे भूजल स्तर में वृद्धि, मिट्टी में नमी, सिंचाई और कई आजीविका परियोजनाएँ इसके कुछ लाभ हैं।

कृषि और किसान कल्याण

कृषि और किसान कल्याण से तात्पर्य उन नीतियों, कार्यक्रमों और पहलों से है जिनका उद्देश्य किसानों और कृषि क्षेत्र की उन्नति में सुधार करना है। केंद्र एवं राज्य सरकार ये प्रयास कृषि उत्पादकता बढ़ाने, किसानों के लिए उचित आय सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन, बाजारों तक आसान पहुंच और वित्तीय सहायता जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए लागू की जाती हैं। कृषि योजनाएँ फसल उत्पादकता में सुधार करने और किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में मदद करने के लिए बनाई गई हैं।

स्वामित्व योजना

स्वामित्व योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भूमि स्वामित्व प्रणाली में एक बड़ा सुधार लाना है, जिससे ग्रामीण निवासियों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुँच आसान हो, भूमि अभिलेखों में स्पष्टता सुनिश्चित हो और भूमि विवादों में कमी आए। इसका मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को संपत्ति स्वामित्व कार्ड (टाइटल डीड) प्रदान करना है। इससे गांवों में भूस्वामियों को अपनी संपत्तियों का स्पष्ट कानूनी स्वामित्व रखने में मदद मिलती है। ये शीर्षक डिजिटल रूप से बनाए जाते हैं और बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने के लिए स्वामित्व के प्रमाण के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं।

पीएम फ़सल बीमा योजना

फ़सल बीमा योजना जो किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले फ़सल के नुकसान से संबंधित जोखिमों को कम करने में मदद करती है।

मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना

यह योजना मृदा स्वास्थ्य प्रशिक्षण, जैविक खेती के तरीकों, प्राकृतिक खाद और मृदा परीक्षण के माध्यम से स्वस्थ मृदा के क्षेत्र को बढ़ावा देती है।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए)

नवीन कृषि तकनीक से फसल की उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने व उसमें सुधार करने पर जोर देती है।

किसान क्रेडिट कार्ड

सरकार ने एक अभियान के तहत 2 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी जारी किए हैं, जिनमें मछली और पशुपालक भी शामिल हैं। इसका लक्ष्य जरूरत पड़ने पर बैंक से धन प्राप्त करना है।

पर्यावरण और ऊर्जा योजना

सरकार की पर्यावरण और ऊर्जा नियोजन योजनाओं का मतलब है की प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करने, पर्यावरण की रक्षा करने और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रणनीतियों, नीतियों और पहलों को विकसित करने की प्रक्रिया से है। इसमें आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा खपत की जरूरतों को इस तरह से संतुलित किया जाता है जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को पूरा करता हो। ये योजनाएँ पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देती हैं।

प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन (पीएमजेजेएम)

इसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में समुचित पाइप से पानी उपलब्ध कराना है।

उज्ज्वला योजना

महिलाओं को लकड़ी जैसे पारंपरिक तरीकों की जगह रसोई गैस से स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना (एनईएमएमपी)

यह योजना देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने और वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण पहल है।

महिला एवं बाल विकास

केंद्र सरकार गरीब मुक्त गांव नाम से एक और कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि गांव में कोई भी गरीबी में न रहे। अगर सभी को काम मिल जाए तो गांव से गरीबी खत्म हो सकती है। केंद्र सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रही है। जब एक महिला को आर्थिक ताकत मिलती है, तो वह अपने परिवार को सशक्त बनाती है और पूरा परिवार आगे बढ़ता है। जब एक महिला को पैसे मिलते हैं, तो वह अपने बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा का भी ध्यान रखती है, जिससे पूरे परिवार को मदद मिलती है। ये योजनाएँ महिलाओं और बच्चों के कल्याण, सशक्तिकरण और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

भारत के परिवर्तन के संदर्भ में महिलाओं की भूमिका पहले से कहीं अधिक बेहतर हो रही है। महिलाओं द्वारा स्वतंत्रता, सशक्तिकरण और विकास की नई कहानी लिखी जा रही है। शिक्षा, कार्य और उद्यमिता के सभी क्षेत्रों में भारत की नारी शक्ति आगे बढ़ रही है। हालांकि, जब उन्हें उचित सहायता और अवसर मिला, तो इस क्रांति की नींव और मजबूत हुई। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने ऐसे कई कार्यक्रम शुरू किए, जिससे महिलाओं की आकांक्षाओं को नई जान मिली। नए कार्यक्रम विकसित करने के अलावा, यह पहल उन्हें नए भारत की दिशा तय करने के लिए प्रेरित कर रही है। भारत में मोदी सरकार के महिला कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी

महिला शक्ति केंद्र

महिलाओं का सशक्तिकरण कार्यक्रम 2017 में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था। सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से, यह कार्यक्रम महिलाओं को सरकारी सेवाओं और पहलों तक पहुँच की सुविधा प्रदान करता है। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को शिक्षित और कौशल-विकास करना है, साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के बारे में भी शिक्षित करना है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)

योजना में गर्भवती महिलाओं को उनके पोषण और स्वास्थ्य में सुधार के लिए सरकार नकद प्रोत्साहन प्रदान करती है। 2017 में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। भारत सरकार इस योजना को मंत्र लाभ कार्यक्रम के रूप में संचालित करती है जिसका लक्ष्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता देना है। जनवरी 2025 तक 3.8 करोड़ महिलाओं को 17362 करोड़ रुपये मिले हैं। पहले गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उनके पहले बच्चे के जन्म के बाद नकद सहायता मिलती थी। इस कार्यक्रम के तहत पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। तीन किश्तों में यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। अगर कोई महिला दूसरी बार गर्भवती होती है और लड़की को जन्म देती है तो उसे 6000 रुपये मिलते हैं। लेकिन यह राशि केवल बेटी के जन्म पर ही दी जाती है।

राष्ट्रीय क्रेच योजना 

क्रेच योजना कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए डेकेयर सुविधाएँ प्रदान करती है।

स्वयं सहायता समूह

भारत की नारी शक्ति भी गांवों के आर्थिक सामर्थ्य को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है। आज देशभर में 70 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं। इनसे करीब 8 करोड़ बहनें जुड़ी हुई हैं। इनका ज्यादातर काम गांवों में ही होता है। जनधन खातों के जरिए ये बहनें बैंकिंग सिस्टम से जुड़ गई हैं। बिना गारंटी वाले लोन की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। पहले हर स्वयं सहायता समूह को बिना किसी गारंटर के 10 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता था, लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है।

पढ़ाओ बेटी बचाओ बेटी

लिंग अनुपात बढ़ाने और लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के अलावा, इस कार्यक्रम को 2015 में लड़कियों को सशक्त बनाने और उनके बारे में सामाजिक धारणाओं को बदलने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था। 2017-18 में महिला सकल नामांकन अनुपात पुरुष सकल नामांकन अनुपात से अधिक था। इसी अवधि में, 2021-2022 में 2.27 करोड़ महिलाओं ने उच्च शिक्षा में नामांकन कराया, जो कुल 4.33 करोड़ का आधा है। 2021-2022 में, हर 100 पुरुष संकाय सदस्यों के लिए 77 महिलाएँ थीं, जो 2014-2015 में 63 से अधिक थी।

रोजगार सृजन योजनाए

केन्द्र सरकार की इन योजनाओं का उद्देश्य देश में बेरोज़गारी को कम करना और युवाओं को कौशल विकास को प्रोत्साहित करना है। रोज़गार सृजन योजनाएँ सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) या निजी संस्थाओं द्वारा रोज़गार सृजन और बेरोज़गारी को कम करने के लिए चलाये जाने वाले कार्यक्रमों या योजनाओं के बारे में बताती हैं। भारत सरकार की योजनाएं विभिन्न रूपों में स्थानीय समुदायों के लिए आमदनी कमाने का अवसर प्रदान करती है। यह केंद्र सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली नई महत्वाकांक्षी योजनाएं क्षेत्रों में युवाओं, महिलाओं, ग्रामीण आबादी और अकुशल कार्यबल जैसे कमज़ोर समूहों को लक्षित करते हैं। रोज़गार सृजन योजनाओं का प्राथमिक लक्ष्य आजीविका में सुधार करना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और व्यक्तियों को स्थिर नौकरियाँ और आय के अवसर प्रदान करके गरीबी को कम करना है। ये योजनाए  स्थानीय समुदायों की आवश्यकतानुसार विभिन्न रूप ले सकती हैं।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)

देश में रोजगार गारंटी योजना प्रति वर्ष 100 दिनों के मज़दूरी रोजगार की गारंटी देकर ग्रामीण परिवारों को रोज़गार के अवसर प्रदान करता है। भारत में ग्रामीण विकास मंत्रालय की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुशल श्रमिकों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है। इसके तहत उन्हें सौ दिन के काम के लिए वेतन मिलता है। ताकि वे बिना किसी बाधा के जीवन में आगे बढ़ सकें। मनरेगा के तहत एक करोड़ ग्यारह लाख जल संरचनाओं के निर्माण से भूजल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके साथ ही करीब 88 लाख पेड़ भी लगाए गए हैं। मनरेगा जैसे कार्यक्रम पर्यावरण की रक्षा के प्रधानमंत्री मोदी जी के संकल्प को पूरा करने में मदद कर रहे हैं।

कौशल भारत मिशन

देश में कौशल भारत मिशन योजना युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी रोज़गार क्षमता विकसित करने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है।

कौशल विकास योजना

स्किल इंडिया द्वारा शुरू की गयी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांछी योजना है। जो राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा कार्यान्वित की जाती है।

दीन दयाल अंत्योदय योजना

पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना को केंद्र सरकार ने 25 दिसंबर 2014 को शुरू किया था।

आत्मनिर्भर भारत

देश को कोरोना महामारी संकट से निकालने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 20 मई को आत्मनिर्भर भारत अभियान को 20 लाख करोड़ रु. के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। 

आवास और शहरी विकास

भारत में आवास और शहरी विकास (HUD) शहरी क्षेत्रों में आवासीय और वाणिज्यिक स्थानों की योजना है। यह विकास और प्रबंधन के साथ-साथ शहरों और कस्बों में लोगों की जीवन स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए किये शुरू की गयी योजनाओं के बारे में है। यह किफायती मकान बनाने, बुनियादी ढांचे में सुधार करने और यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि शहरी क्षेत्र रहने योग्य, टिकाऊ और आर्थिक रूप से जीवंत हों। ये पहल शहरी क्षेत्रों के विकास और किफायती आवास देने के लिए शुरू की गयी हैं।

स्मार्ट सिटीज मिशन

स्मार्ट सिटी मिशिन शहर को बेहतर बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और टिकाऊ जीवन के साथ 100 स्मार्ट शहरों को विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

महिला सम्मान बचत पत्र योजनाप्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र कैसे खोलेंकिसान क्रेडिट कार्ड कैसे बनायेप्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन कैसे करेंप्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाआयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाराष्ट्रीय बांस मिशन योजनाकिसान गोल्ड कार्ड कृषि ऋण योजनाPETROL SUBSIDY School, खेत खरीदने के लिए आसान लोनई श्रम कार्ड योजना क्या हैमछली पालन कैसे करें किसान उत्पादक संगठन योजनाPM KUSUM YOJANAएग्रीश्योर योजनानमो ड्रोन दीदी योजना, PM Vidya Lakshmi Scheme, पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना, कृषि सिंचाई योजनापूर्वी राजस्थान नहर परियोजना, एक राष्ट्र एक सदस्य योजना, आयुष्मान वय वंदना कार्ड, एक दिन एक जीनोम पहल, उड़ान योजना (2006 में शुरू हुई), पी एम ई ड्राइव योजना, प्रधान मंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और क्रिषोंन्नति योजना, मिशन कर्म योगी, प्रधानमंत्री वन बंधू कल्याण योजना, क्रूज भारत योजना, Bio e3 नीति, प्रधानमंत्री जनधन योजना, बीमा सखी योजना


ये भारत में कई सरकारी योजनाओं में से कुछ हैं। सरकार उभरती चुनौतियों से निपटने और सभी नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए लगातार नए कार्यक्रम पेश करती रहती है। इन सभी पहलों से गरीब गांवों को आर्थिक लाभ मिल रहा है और वे अपनी शक्तिहीनता से बाहर निकल रहे हैं तथा उन्हें अधिक अवसर मिल रहे हैं।

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आज बांस एक ऐसा माध्यम बन गया है। जिसके बिना हमें अधूरापन महसूस होता है। इसके अभाव से एक कमी महसूस होती है। क्योंकि बांस के महत्व को पूरी दुनिया समझ चुकी है। हर कोई इसका इस्तेमाल किसी न किसी जरूरत को पूरा करने के लिए करता है। इसलिए इन दिनों बांस की मांग बढ़ गई है.क्योंकि इनका उपयोग हम खाने से लेकर पहनने और अपने दैनिक कार्यों में करते हैं। बांस मिशन योजना क्या है? हम बात करेंगे कि राष्ट्रीय बांस मिशन क्या है। इसकी शुरुआत कैसे हुई? बांस मिशन के तहत सरकार देश के किसानों को सब्सिडी भी दे रही है. पीएम मोदी ने किसानों को उज्ज्वल भविष्य देने और उनकी आय दोगुनी करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के लाभ और आवेदन की पूरी जानकारी यहां दी गई है।बांस की जरूरत को देखते हुए सरकार भी किसानों को बांस की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि किसान अन्य फसलों के साथ-साथ बांस की भी खेती करें। बांस उगाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय बांस मिशन योजना शुरू की। जिसके तहत किसान बांस उगाकर उसे बाजार में बेच सकते हैं. बांस उगाना किसानों के लिए कमाई का अच्छ...

भारत में नींबू की खेती देगी आपको भरपूर उत्पादन

नींबू गोल एवं पकने पर पीले रंग का दिखाई देता है इसका पौधा होता है इसे खेत में आसानी से लगाया जा सकता है तथा कुछ दिनों की देखरेख के बाद यह फल देना शुरू कर देता है यह नींबू पकने की प्रक्रिया है जब हम घर के गमले में नींबू का पेड़ लगाते हैं तो उसे निजी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है। नींबू की खेती कैसे करें? इसके साथ ही खेत में नींबू की बागवानी करने से व्यावसायिक उद्देश्य भी पूरे होते हैं। नींबू सिट्रस परिवार से संबंधित है, इसका उपयोग औषधीय और पोषण संबंधी उद्देश्यों के लिए किया जाता है। नींबू के पेड़ की खेती किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह विटामिन सी से भरपूर होने के साथ-साथ त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। नींबू के अनेक लाभों के कारण किसान नींबू की खेती को अपना रहे हैं। नींबू के पेड़ के लाभों के कारण इसकी खेती किसान को बहुत लाभ दे सकती है। यह फल खाने में खट्टा और हल्का मीठा होता है, जिसे लोग खट्टा-मीठा भी कहते हैं। नींबू की खेती को नींबू की बागवानी भी कहा जा सकता है। जो कि व्यावसायिक उत्पादन पैमाने पर नींबू के पेड़ लगाने की प्रक्रिया है। इसे सबसे खट्टे फलों में गिन...