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इफ़को ने फसल की उत्पादकता एवं गुडवत्ता में सुधार की दृष्टि से सागरिका Z++ जैविक खाद का निर्माण किया है। किसानों की आय बढ़ाने और मिट्टी की उर्वरा शक्ति को विकसित करने के लिए इफको ने एक ऐसे दानेदार खाद का निर्माण किया है। जो मिट्टी की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी करता है यह खाद्य दो समुद्री शैवाल से तैयार किया गया है।
सागरिका जैविक खाद
सागरिका एक समुद्री शैवाल अर्क है जो लाल और भूरे शैवाल के रस से प्राप्त होता है। यह मेटाबोलिक बायो एन्हांसर के रूप में काम करता है। इसलिए इसका नाम सागरिका ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर रखा गया है. यह पौधे की आंतरिक विकास प्रक्रिया को उत्तेजित करता है।
सागरिका में विटामिन, ऑक्सीनियन, अमीनो एसिड, साइटोकिनिन, जैबरेलिन, हार्मोन, कॉपर, प्रोटीन, मैनिटोल, कार्बोहाइड्रेट आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो पौधे के विकास वाले हार्मोन हैं। यह पौधे के विकास प्रवर्तक की तरह काम करता है। सागरिका बाजार में तरल और दानेदार दोनों रूपों में उपलब्ध है। यह पौधे में सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।
सागरिका जैव-उर्वरक समुद्री शैवाल से प्राप्त एक उत्पाद है। जिससे फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है. यह भारत की दक्षिण-पूर्वी सीमा पर समुद्र के पानी में उगने वाले भूरे और लाल शैवाल से बनता है। यह एक रसायन मुक्त उत्पाद है। जो पौधों के विकास में सहायक होता है.
सागरिका का प्रयोग
सागरिका जैविक खाद का पहला प्रयोग धूप से एक घंटे बाद और खुले मौसम में फसल पर बुबाई के 40 दिनों के बाद करना चाहिए। सागरिका में मौजूद पोषक तत्व फसल की बृद्धि में सहायक होते है। तो फूल आने से कुछ दिन पूर्व इसका दूसरी बार प्रयोग करने से अच्छे परिणाम दिखते है। इस जैव उर्वरक सागरिका खाद का तीसरा प्रयोग फसल पर फूल आने के 15 दिनों के बाद कर सकते है। सागरिका की एक बोतल का उपयोग 1 एकड़ भूमि के लिए किया जाता है। यह पर्यावरण प्रदूषण से भी बचाता है और जल प्रदूषण से भी बचाता है। यह फसल वृद्धि प्रवर्तक होने से इससे उत्पादन बढ़ता है। इसके पोषक तत्व खेती की लागत को कम कर देते है।
पर्यावरण-अनुकूल उर्वरक की मात्रा
इफ्को सागरिका खुराक का उपयोग करने के लिए इसकी मात्रा और इसके अनुपात को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है क्योंकि अधिक उर्वरक भी फसल के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं हो सकता है और कम उर्वरक भी फसल को ज्यादा फायदा नहीं पहुंचा सकता है।
इसलिए फसल को सही अनुपात में मिलाना चाहिए. ताकि फसल को आवश्यकतानुसार सभी पोषक तत्व मिल सकें और अधिक उत्पादन मिल सके। दानेदार सागरिका को 1 एकड़ खेत में 8 किलोग्राम का उपयोग किया जाता है। सागरिका प्राकृतिक खाद का उपयोग आलू, चुकंदर, गाजर, मूली, शकरकंद,आदि कंदीय सब्जियों के लिए भी किया जा सकता है।
जैव उत्तेजक सागरिका खाद धान, गन्ना, गेहूं, मक्का में सिंचाई से पहले इसका प्रयोग करने की सलाह दी जाती है. यदि गेहूं में सिंचाई से पहले सागारिका मिला दिया जाए तो इसकी गुणवत्ता और भी बढ़ जाती है। क्योंकि यह घुलकर जड़ों तक पहुंचता है और मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या भी बढ़ाता है। जिससे अंदर माइक्रोन बढ़ता है, यह पौधों के विकास में मदद करता है।
सागरिका के फायदे
यह प्राकृतिक खाद मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करके पौधों के लिए सर्वोत्तम जैविक उर्वरक के रूप में कार्य करती है। यह फसल उपज वर्धक के रूप में फसल स्थापना में सहायक है। इससे पर्यावरण प्रदूषण से भी बचाव होता है. जल प्रदूषण से भी बचाव होता है. इससे उत्पादन बढ़ता है।और खेती की लागत कम हो जाती है. हमारी फसल दानेदार यूरिया का 40 से 50 प्रतिशत ही उपयोग कर पाती है। यह आलू, शकरकंद और केले में स्टार्ट की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है। और फल फूलों की संख्या बढ़ाने में मदद करता है. यह रसदार फलों में रस की मात्रा को भी बढ़ाता है। और नई कोंपलों की संख्या बढ़ जाती है. और नई प्राथमिक दूसरी तीसरी जड़ें बनाता है।
खरीफ सीजन की फसल में लाभ
लेकिन इसके इस्तेमाल से फसल की पैदावार भी बढ़ेगी. ख़रीफ़ की फसल का केवल 25 से 30 प्रतिशत ही उपयोग हो पाता है। यदि शेष 70 प्रतिशत का उपयोग न किया जाए तो वह व्यर्थ हो जाता है। सागारिक का उपयोग पौधों की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसकी मदद से पौधे की वृद्धि को बढ़ाकर मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद मिलती है। यह मिट्टी में मौजूद जिंक सल्फर बोरो आयरन नाइट्रोजन की कमी को दूर करता है।
गन्ने की फसल में लाभ
इसका प्रयोग गन्ने की फसल में भी किया जाता है, जिससे गन्ने का आकार और मिठास बढ़ती है तथा प्रकाश संश्लेषण बढ़ता है। इफको सागरिका में मुख्य रूप से ऑक्सिन, साइटोकिनिन, जिबरेलिन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, बोरान, तांबा, जस्ता और अमीनो एसिड पाए जाते हैं। यह लगभग सभी प्रकार की फसलों में उपयोगी है। इसका बहुत अच्छा असर तिलहन और दलहन या सब्जी की फसलों में देखने को मिलता है।
इफको सागरिका खुराक प्रति एकड़
तरल सागरिका: 250 मिलीलीटर सागरिका को 1 लीटर पानी में मिलाकर 1 एकड़ खेत में समान रूप से छिड़काव करें। फसल पर छिड़काव करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि इसका प्रयोग पौधे पर केवल एक बार ही करें। उस समय फसल कम से कम 30 दिन पुरानी होनी चाहिए। इसे फसल पकने से पहले देना उचित रहता है। इसे फसल में दो बार दिया जा सकता है। सबसे पहले फसल 25 से 30 दिन पुरानी होनी चाहिए. इसके बाद इसे 25 से 50 दिन बाद दिया जा सकता है. उर्वरकों का प्रयोग फसल की आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है।
ठोस दानेदार सागरिका की बात करें तो यह बाजार में 10 किलो बैग में उपलब्ध है। यह बाजार में इससे भी अधिक वजन में उपलब्ध है। जैसे 20 किलो, 25 किलो या उससे भी ज्यादा. मुख्य रूप से किसानों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली 10 किलो की थैली बाजार में आसानी से उपलब्ध है।
मध्यम वर्गीय किसान अधिकतर 10 किलो बैंग का उपयोग करता है।10 किलो की थैली का प्रयोग करने के लिए इसे यूरिया के साथ मिलाकर प्रयोग करना लाभकारी होता है। इसे बिना यूरिया मिलाये भी दिया जा सकता है। इसे देने के लिए 8 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ जड़ों के पास देना चाहिए और उसके बाद सिंचाई करनी चाहिए.
सागरिका की कीमत
इफको सागरिका खाद 2 साल के शोध के बाद तैयार की गई है, यह 100 प्रतिशत जैविक खाद है। इसे किसानों की सुविधा के अनुसार दोनों रूपों में बनाया गया है। इफको का कहना है कि 1 लीटर लिक्विड सागरिका की कीमत करीब ₹500 है और 10 किलो सागरिका ग्रैन्यूल्स ग्रेनुलर की कीमत ₹415 है. यह किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
सागरिका लिक्विड की कीमत
- 100ml Iffco Sagarika Liquid 70 /-
- 250ml Iffco Sagarika Liquid 135 /-
- 500ml Iffco Sagarika Liquid 260 /-
- 1 Ltr Iffco Sagarika Liquid 500 /-
सागरिका ग्रैन्यूल्स की कीमत
- 10 Kg Bag Iffco Sagarika Granules Packing 415 /-
- 10 Kg Bucket Iffco Sagarika Granulas Packing 575 /-
- 25 kg Bag Iffco Sagarika Granulas Packing 960 /-
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