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अप्रैल, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संधारणीय कृषि: एक जिम्मेदार भविष्य का निर्माण

सतत कृषि का मतलब है फसल को इस तरह उगाना जो अभी और भविष्य में भी पर्यावरण के लिए अनुकूल हो, किसानों के लिए सही हो, और समुदायों के लिए सुरक्षित हो। हानिकारक रसायनों का उपयोग करने या मिट्टी को नुकसान पहुँचाने के बजाय यह फसलों को बदलने, खाद का उपयोग करने और पानी बचाने जैसे प्राकृतिक तरीकों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण न केवल प्रकृति की रक्षा करने में मदद करता है, बल्कि किसानों की लागत कम करके और उन्हें एक स्थिर आय अर्जित करने में भी मदद करता है। इसका मतलब यह भी है कि हम जो खाना खाते हैं वह ताज़ा, स्वस्थ और अधिक जिम्मेदारी से उत्पादित हो सकता है। ऐसी दुनिया में जहाँ जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और खाद्य असुरक्षा वास्तविक समस्याएँ हैं, टिकाऊ कृषि एक बेहतर, दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है जो सभी को लाभान्वित करती है - हमारी फसल को उगाने वाले लोगों से लेकर इसे खाने वाले लोगों तक। छात्रों सहित युवा लोगों को यह सीखकर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए कि उनका भोजन कहाँ से आता है और ऐसे विकल्प चुनें जो एक स्वस्थ ग्रह का समर्थन करते हैं। संधारणीय कृषि क्या है? मृदा अपरदन, जलवायु परिवर्तन और खा...

ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती

मूँग भारत में बोई जाने बाली एक प्रमुख फसल है। किसान साथियो मूँग की बुबाई का समय आ रहा है। इसकी खेती शीत कालीन फसल के बाद कर सकते है। इसका अच्छा भाव किसानो को मिल सकता है। जिससे कम लगत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है। मूंग की खेती सामान्यतः मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में की जाती है। इसकी बुबाई ग्रीष्म कालीन एवं खरीफ सीजन में की जाती है। इसकी दाल पुरे भारत में पसंद की जाती है। तो जानते है की मूँग की खेती करने का तरीका क्या है। गर्मियों में मूँग की खेती मूंग की खेती उत्तर प्रदेश, भारत किसान साथियो शीतकालीन फसल सरसो एवं आलू की फसल के बाद मूंग की खेती कर सकते है। ग्रीष्मकालीन मूंग की बुबाई 15 मार्च से 15 अप्रैल तक कर सकते है। इसकी खेती की सम्पूर्ण जानकारी आप यहाँ से ले सकते है। यहाँ पर गर्मियों में मूँग की खेती के बारे में जानेगे। मूंग एक प्रमुख दलहनी फसल है। इसकी खेती कम समय में अधिक मुनाफा देने बाली है। मूंग जायद में बोई जाने बाली प्रमुख फसलों में से एक है। मूंग का सबसे अधिक उपयोग मूंग की दाल किया जाता है। पोस्टिक एवं बिटमिंस से भरपूर होता है। इसका उपयोग ख...