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मधुमक्खी पालन बन रहा कमाई का अच्छा जरिया

Madhumakhi Palan kaise karen | मधुमक्खी पालन कैसे शुरू कर सकते हैं | Bee keeping
Madhumakhi Palan kaise karen

मधुमक्खी पालन कैसे करें 2023 ?

मधुमक्खी पालन bee keepimg पुरे भारत मे कहीं भी किया जा सकता है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बहुत लोग मधुमक्खी पालन करते हैं। मधुमक्खी एक फ्लाइग कीट है। जो हर रोज अपने छत्ते के निर्माण और शहद के बनाने तथा इकट्ठा करती रहती है।मधुमक्खी का मुख्य काम शहद बनाकर अपने छत्ते मै इकट्ठा करना है जो कि एक निरंतर प्रक्रिया है। MadhuMakkhee Palan Kaise Karen?

मधुमक्खी पालन Bee keeping के लिए समय का चुनाव उपयुक्त होना चाहिए। मधुमक्खी की प्रजातियों (bee species) की बात करें तो इनकी कुल लगभग 40 प्रजातियों के साथ मधुमक्खी की सिर्फ 8 जीवित प्रजातियां को मान्यता दी गई है। ऐतिहासिक रूप से देखें तो 8 से 10 प्रजातियों को मान्यता दी गई है। विश्व में लगभग मधुमक्खी की 18000 प्रजातियां पाई जाती है।

जिनमें से भारत में सिर्फ चार प्रकार की मधुमक्खियां पाई जाती है। भारत में पाई जाने वाली मधुमक्खी

  • एपिस सेराना
  • एपिस फ़्लोरिया
  • एपिस डोरसाता
  • एपिस मेलीफेरा

आदि मधुमक्खियां भारत में पाई जाती है।

MadhuMakkhee Palan Kaise Karen? मधुमक्खी एपिस डोरसाता (wild honey bee) जंगली छेत्र मै विभिन्न प्रकार के फूलो से शहद इकट्ठा करती है। हलाकि नियमित शहद एपिस मेलीफेरा (इतावली प्रजाति) मधुमखियो द्वारा तैयार किया जाता है। जो बहुत गुणकारी होता है। इसलिए इसे जंगली शहद कहा जाता है।

इन प्रजातियों मै से एपीस मेलीफेरा प्रजाति सबसे अच्छी मानी जाती है। जिसे शहद उत्पादन और फसल परागढ़ के लिए पालते है इनमें से एक मधुमक्खी एपिस सेराना जो दक्षिण एशिया में पाई जाती है तथा अन्य मधुमक्खियां भी शहद उत्पादन और भंडारण का काम करती हैं इसलिए मनुष्य उन्हें पालने के लिए बॉक्स का उपयोग करते हैं।  जिनमें बिना डंक वाली मधुमक्खी भी शामिल होती है। 

परंतु एपिस जीनस समुदाय की मधुमक्खियां सच्ची मधुमक्खियां है मधुमक्खियों के छत्ते में मौजूद मोम को व्यवसायिक उपयोग मै लिया जा सकता है इससे मनुष्य मोमबत्ती, साबुन, बाम व सौंदर्य प्रसाधनों आदि में उपयोग करते हैं। मधुमक्खियां हमेशा इकट्ठा अपनी छत्ते में रहती है। वह एक समूह जिसमें शहद बनाने वाली सभी मधुमक्खियां शामिल होती है। 

यह मधुमक्खियां एक साथ शहद बनाती है तथा अपने छत्ते में समूह के साथ रहना पसंद करती है। जो लोग Bee keeping करते है वह समय का विशेष ध्यान रखे। मधुमक्खी पालन का सही समय अक्टूबर से नवंबर के बीच है। इस समय आप मधुमक्खी पालन कर सकते है।

मधुमक्खी पालन में बक्से का महत्व | Importance of boxes in beekeeping

जैसा की हमने जाना की मधुमक्खी अपने साथी मक्खियों के साथ रहना पसंद करती है। इसलिए मधुमक्खी पालन में बक्से का बहुत महत्व है। सभी मधुमक्खी अपने एक बॉक्स मै इकट्ठा रहना पसन्द करती है। बॉक्स का महत्व मधुमक्खी से है। बॉक्स में मधुमक्खी कम हो तो प्रोडक्शन कम देती है। 

इसलिए मधुमक्खी की संख्या लगातार पूरी करनी होगी। मधुमक्खी के बॉक्स में सबसे पहले उनकी संख्या की निगरानी करते है। एक बॉक्स में 10 फ्रेम होते है। बॉक्स लकड़ी का होता है जिसके अंदर मधुमक्खी छत्ता(honybee nest) बनाती है। एक बॉक्स में कम से कम 50 से 70 मधुमक्खी होनी चाहिए। एक (beekeeping boxes price) मधुमक्खी बॉक्स की कीमत लगभग 2000 से अधिक हो सकती है। 

मधुमक्खी मानव समाज में अहम भूमिका निभाती है। और इंसानो के प्रति मिलनसार होती है। किसी को भी नुकसान नहीं पहुँचती है। जब तक की उन्हें खतरा महसूस ना हो।मधुमक्खी को उकसाने पर वह अपना डंक मरती है जिससे बहुत दर्द होता है तथा सूजन आ जाती है। 

वह अपने शहद बनाने के काम मै व्यस्त रहती है। उनके छत्ते से निकलने वाले मोम से मनुष्य कई उत्पाद का निर्माण करता है तथा शहद को कई रोगों के इलाज में इस्तेमाल करता है इसका शहद बहुत ही उपयोगी होता है जिससे बड़े से बड़े रोग का इलाज किया जाता है। इस तरह से देखा जाए तो मधुमक्खी मानव के लिए एक तरह से अमृत इकट्ठा करती है

मधुमक्खी पालन के लिए जरूरी बातें

  • मधुमक्खी पालन के लिए समय का चुनाव उपयुक्त होना चाहिए
  • मधुमक्खी के बॉक्स रखने के लिए जगह का चुनाव सही करना चाहिए
  • जिससे बॉक्सों के ऊपर बिजली के तार ना हो बॉक्स के आसपास पानी नहीं भरना चाहिए
  • मधुमक्खी के बॉक्स को सड़क के किनारे बिल्कुल ना रखें
  • मधुमक्खी के बॉक्स को सूर्य की रोशनी की तरफ रखना चाहिए
  • जिससे गर्मी मिलती रहे और वह अपना काम जल्दी शुरू कर दे
  • आबादी के पास मधुमक्खी के बॉस कभी न रखें। जिससे लोगों को परेशानी हो

मधुमक्खी से शहद उत्पादन | How is bee keeping proftable

शहद उत्पादन लेना काफी सरल है। मधुमक्खी के बॉक्स को फूलो के आसपास रखने की जरूरत है और वह निरंतर अपना काम करती रहती है। मधुमक्खी शहद इकट्ठा करने के लिए बॉक्स से लगभग 2 किलोमीटर दूर तक जाकर शहद का उत्पादन करती है।

इसमें आपको कुछ नहीं करना है मधुमक्खी के बॉक्स का उसका मुंह खुला रखें तथा अपने हिसाब से मधुमक्खी जाकर शहद इकट्ठा कर लेंगी। इसमें आपको कुछ नहीं करना है। तथा 8 से 10 दिन में शहद तैयार हो जाएगा कोई भी इंसान कर सकता है।

मधुमक्खी के शहद के फायदे | Benefits of Bee

  • मधुमक्खी का शहद  मानव के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाता है मधुमक्खी का शहद मनुष्य के जीवन में अमृत के समान है  जिससे कई रोगों का सफलतापूर्वक निवारण किया जा सकता है
  • मधुमक्खी का शहद मोटापा करने में मददगार साबित हो सकता है मोटापा कम करने के लिए मधुमक्खी के शहद के साथ गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर पीने से मोटापा कम होने में मदद मिलती है
  •  इसको दूध के साथ पीने से भी काफी फायदा होता है
  •  इसके साथ ही मनुष्य के शरीर मैं इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है।
  •  इतने सारे गुणों के साथ और भी बहुत सारे गुण शहद में मौजूद हैं जो हम आगे की कड़ी में बात करेंगे
  •  बात करें मधुमक्खी के शहद की कीमत की तो यह आपके क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है
  •  वैसे साधारणतः मधुमक्खी के शहद की कीमत लगभग 500 से ₹900 प्रति किलो तक हो सकती है जो कि शहद की क्वालिटी पर भी निर्भर करती है

मधुमक्खी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ( bee Fact)

  • एक मधुमक्खी को शहद बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है इसके लिए उन्हें लगातार काम करते रहना पड़ता है तथा 1kg शहद का निर्माण करने के लिए इन्हें  लगभग 150000 मील के बराबर उड़ना पड़ता है
  • मधुमक्खियां मुख्यतः छोटी होती है लेकिन इनके उड़ने की रफ्तार लगभग 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा की होती है
  • यह तो हम सभी जानते हैं कि मधुमक्खियां एक छत्ते में इकट्ठा रहती है तथा मधुमक्खियां अपनी एक समूह में 50 से 70 होती है इन समूहों में से एक रानी मधुमक्खी होती है जो इन सब में मुख्य होती है
  • मधुमक्खियों को शहद के लिए फूलों पर निर्भर रहना पड़ता है इनका मुख्य काम  फूलों से शहद निकालना होता है जिसके लिए उन्हें 80 से 100 फूलों पर भ्रमड़ करना पड़ता है
  •  गर्मियों के दिनों में एक रानी मक्खी  लगभग 2हजार तक अण्डे दे सकती है
  • मधुमक्खियों के समूह में नरमधुमक्खी भी होती है जिसका काम केवल गर्भधारण कराना होता है
  • यह तो हम सभी जानते हैं कि मधुमक्खियों का शहद एक उत्तम औषधि के रूप में मनुष्य काफी समय से उपयोग में ला रहा है इसलिए आयुर्वेद में शहद को काफी उत्तम गुणकारी औषधि माना गया है
  • मधुमक्खियों का डंक काफी तेज और बहुत छोटा होता है जो कि आसानी से नहीं दिखता लेकिन इसका भी उपयोग कई बीमारियों पर किया जाता है जैसे गठिया तथा उच्च रक्तचाप आदि।
  • आयुर्वेद में शहद को अमृत के समान माना गया है क्योंकि उसमें मनुष्य के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं
  • मधुमक्खी अपना शहद बनाने के लिए कई सालों से एक ही तरीके का उपयोग करती आ रही है
  • मधुमक्खी को शहद बनाने के लिए छत्ता छोड़ना पड़ता है तथा वह एक सेकंड में लगभग 90 से 185 बार अपने पंखो को हवा मे हिलती है।

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