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किसान गांव में खाली पड़ी बंजर भूमि पर हरा सोना कहा जाने वाली फसल कटंगा बॉस की खेती कर सकेंगे। केंद्र सरकार उनकी जिदगी में खुशहाली लाने का प्रयास कर रही है। जैसा कि नाम से व्याप्त है। कटंगा बांस यानी इसे बंबूसाबांबू कांटेदार बांस कहते हैं। कटंगा बांस को सबसे मजबूत Bans कहते हैं।
यह नदी, तालाब, नहर के समीप लगाए जा सकते हैं। बशर्ते वहां जलभराव ना हो। किसी भी बांस को अधिक जलभराव की आवश्यकता नहीं होती। बाम्बू को शुष्क एवं नम जलवायु वाले क्षेत्रों जैसे उत्तर पूर्व राज्य आंध्र प्रदेश ,मेघालय, त्रिपुरा ,मिजोरम में अच्छी तरह विकसित होते देखा जा सकता है।
कटंगा बांस की खेती से मिलेगी आमदनी |
इसकी लंबाई लगभग 70 फीट तक हो सकती है। कटंगा बांस 2 से 3 साल में काटने योग्य हो जाता है। कटंगा बांस की पत्तियां 1.5 इंच चौड़ी एवं लगभग 4 इंच लंबी होती है। जो बांस के ऊपरी हिस्से में पाई जाती है। इसकी पोर से पोर की दूरी 3 से 4 इंच होती है। इस पर सबसे कम पत्तियां होती है। कटंगा बांस की जड़ें जमीन में लगभग 3 से 4 फुट तक होती है।
कटंगा बांस की खेती | Katanga Bamboo Farming
बाँस Bamboo काफी समय से मनुष्य का साथी बना हुआ है। बाँस Bans को हम अपने दैनिक उपयोग में भी इस्तेमाल USE करते हैं। बांस के इस्तेमाल करने से प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाई जा सकती है। Bamboo Bans ki Kheti किसान बंजर पड़ी भूमि पर भी कर सकते हैं।
- Bans ki kheti से किसान बंजर भूमि को उपजाऊ बना सकते हैं। इसकी पत्तियां खेत में उर्वरक का काम करती है। यह पत्तियां जमीन पर धीरे-धीरे झड़ने लगती हैं जिससे बंजर खेत में जैविक खाद का निर्माण होता है। जो पौधों के लिए किसी अमृत से कम नहीं। इस जैविक खाद की मदद से खेत में कोई भी फसल आसानी से उगाई जा सकती है।
- यह बांस Bamboo भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, की बांस की एक प्रजाति है। यह अमेरिका, श्रीलंका और फिलीपींस में भी पाया जाता है। भारत में स्थित कटंगा बांस Katanga के नाम से जानते हैं। यह सभी बांस की तरह ही समान होता है। लेकिन इसकी कुछ विशेषता के कारण इस बांस की अलग पहचान है |
- इसके साथ ही बात के लिए पूरे भारत की जलवायु उपयुक्त मानी गई है। देश के बाकी राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में बांस कम लगाया गया है। इसके पीछे इसका प्रचार-प्रसार और बिक्री वजह हो सकती है। Bamboo को हरी सोने के परिवेश के रूप में जाना जाता है। यह भारत के किसी भी क्षेत्र में लगाया जा सकता है। यह बिना किसी खास देखरेख के भी जिंदा रह सकता है।
- कटंगा बांस कांटेदार एवं मजबूत घास की प्रजाति का सदाबहार पौधा है। इस Bans को खेत की मेड पर बाहरी आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए लगाया जाता है। यह पेड़ 2 से 3 साल के बाद खेत की रखवाली कर सकता है। कटंगा बांस से उत्पन्न हुए नए पौधे आपस में इस तरह बढ़ते हैं कि इनके बीच से किसी भी बाहरी जीव का प्रवेश होना मुश्किल है।
इसकी समय-समय पर कटाई छटाई की जाती है। जिससे यह आपस में न उलझे। कटंगा बांस की एक पौधे से अनेक पौधे होते हैं। उनकी समय-समय पर एवं पूर्ण समय होने पर कटाई अवश्य करें। आप एक झुंड से लगभग चार से पांच बांस हर साल निकल लेने चाहिए। यह Bamboo मजबूत एवं ठोस होता है। इस Bans में दीमक का खतरा सबसे कम होता है।
जलवायु
कटंगा बांस की खेती Katanga Bans ki kheti पूरे भारत में कर सकते हैं। इसकी जलवायु के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान सबसे उपयुक्त माना जाता है। Katanga Bans को उत्तर पूर्व राज्य में तथा बिहार छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश आदि राज्यों में जलवायु में कपास की खेती कर सकते हैं।
भूमि की तैयारी
कटंगा बांस के लिए दोमट मिट्टी जिसका PH 7\8 हो तथा जहां जलभराव ना हो उपयुक्त मानी जाती है। बांस को लगाने के लिए भूमि की तैयारी की आवश्यकता नहीं होती। यह बंजर भूमि पर भी लगाया जा सकता है। लेकिन उसमें बांस की बृद्धि सामान्य होती है।
बांस लगाने के लिए दो गहरी जुताई कल्टीवेटर या डिस्क हैरो से करनी चाहिए। बाद में पाटा लगाकर खेत को समतल कर देना चाहिए। खेत की जुताई के समय ही खाद और उर्वरक का प्रयोग करें। जिससे वह अच्छी तरह मिट्टी में मिल जाए।
खाद एवं उर्वरक
कटंगा बांस की उन्नत खेती katanga cultivation के लिए 6 से 7 कुंतल\ हेक्टेयर गोबर की खाद उपयोग करने से बांस में अच्छी वृद्धि देखी जा सकती है। आप चाहे तो उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं। जिसमें 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन ,30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर फास्फोरस ,25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पोटाश का प्रयोग कर सकते हैं।
पानी की आवश्यकता
बांस में पानी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जरूरत होने पर पानी उपलब्ध कराना चाहिए। बांस का पौधा लगाते समय पानी अवश्य दें। उसके बाद आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध कराएं। जब जरूरत हो पानी का ध्यान अवश्य रखें।
रोपाई का तरीका
- बांस Plant की रोपाई करते समय अपनी जरूरत के मुताबिक विधि का चयन करें। यदि आप फसल पैदा करना चाहते हैं तो बेड विधि का प्रयोग कर सकते हैं। बांस का पौधा लगाने के लिए टिशु कल्चर पौधों का प्रयोग करें। यह सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। टिशू कल्चर का Plantपौधा सबसे जल्दी वृद्धि करता है।
- बांस का Plant पौधा लगाने के लिए बेड विधि या सामान्य विधि का प्रयोग कर सकते हैं। बेड विधि का प्रयोग करने के लिए लाइन से लाइन की दूरी 12 फीट एवं पौधे से पौधे की दूरी 7 फीट होनी चाहिए। यदि आप कटंगा बांस से खेत की सुरक्षा करना चाहते हैं तो पौधे से पौधे की दूरी 5 फीट और लाइन से लाइन की दूरी 12 फीट रहे हैं।कटंगा बांस के उपयो |
कटंगा बांस का उपयोग
कटंगा बांस लचीला एवं मजबूत होता है।कटंगा बांस एक बार लगाने पर स्वयं बढ़ती रहती है। इसकी ऊंचाई 70 फीट तक हो सकती है। इसके पोर की दूरी 3 से 4 इंच होती है। इसे दीमक कम लगती है। इसकी पत्तियां कम होती है उसका उपयोग सबसे अधिक पेपर व्यवसाय में होता है .इससे House hold Product भी बनाए जाते हैं
कटाई
बांस की कटाई 3 साल में कर सकते हैं। Bans को समय-समय पर कटाई करते रहना चाहिए। इसमें 3 साल के बाद लगभग 5\6 नए पेड़ विकसित हो जाते हैं और यह संख्या बढ़ती रहती है इसमें से हर साल 5 से 6 पेड़ निकालते रहना चाहिए।
कटंगा बांस से कमाई
बांस दो-तीन साल बाद ही कमाई Profit दे सकता है। 2 वर्ष तक आप खाली जमीन पर दूसरी फसल कर सकते हैं। इससे भी कमाई होगी। उसके बाद 3 साल बाद कटंगा बांस से कमाई Profit शुरू हो जाएगी। 3 साल के बाद Bamboo की संख्या भी लगभग 3 से 4 गुना तक बढ़ जाती है
भारत में बांस की डिमांड बहुत है। भारत में फर्नीचर मार्केट 30 करोड़ के आसपास है। आप 3 साल के बाद लगभग 2500 से 3000 बांस बेच सकते हैं। अगर एक बात की कीमत ₹100 है। तो 2500 Bamboo की कीमत लगभग ₹250000 होती है .जो कि 3 साल के बाद 1 एकड़ खेत से शुरू हो जाएगी।
बांस कहां बेचे
बांस की फसल करने के बाद उसे बेचने के लिए आप अपने जिला एवं शहर में किसी भी कंपनी ,मील से संपर्क कर सकते हैं। आपको ऐसे व्यवसाय से संपर्क करना होगा जो बांस का उपयोग करता हो जैसे पेपर में हैंडीक्राफ्ट बनाने वाले व्यवसाय अगरबत्ती बनाने वाले के व्यवसाय या सैंटरिंग का सामान बनाने वाले व्यवसाय आदि यह सब सीधे बांस खरीदते हैं और एडवांस पैसे भी देते हैं।
इसके साथ ही सरकार ने बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए नेशनल बंबू मिशन योजना National Bamboo Mission की शुरुआत की है। इस योजना के तहत बांस के पौधे दिए जाएंगे एवं 50 परसेंट सब्सिडी भी दी जाती है।
गांव की भूमि पर बॉस उगाकर हम भविष्य सवार सकेंगे। अन्य बॉस सामिग्री के लिए बैंक से लोन ले सकते हैं उस पर 50 परसेंट सब्सिडी मिलेगी यह सब्सिडी 3 बार में दी जाएगी। पहली बार में 50 परसेंट सब्सिडी दी जाएगी तथा दूसरे बार में 30 परसेंट तथा तीसरे बार में 20% सब्सिडी दी जाएगी।
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