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एक समय किसानों की आय का मुख्य स्रोत खेती हुआ करता था| लेकिन समय के बदलाव के साथ आय के साधनों में भी बदलाव हुआ है तथा खेती के अलावा कई ऐसे आय के स्रोत विकसित हुए हैं जिनसे जीविका के साथ एक अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं भारत में मछली पालन व्यवसाय के रूप में बहुत प्रचलित हो रहा है।
मछली पालन कैसे शुरू करें?
मछली का उपयोग पूरे विश्व में अलग-अलग काम के लिए किया जाता है तथा इसे सभी देशों में खाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है पूरे विश्व में मछली का उपयोग होता है तथा समुद्र के किनारे रहने वाले लोग भी इनको पकड़कर बाजार में बहुत अच्छे दामों पर बेचते हैं कई देशों में यह बहुत से लोगों की जीविका भी है तथा बहुत से लोग इसका व्यापार भी बड़े पैमाने पर करते हैं तथा अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं मछलियों की बहुत सी प्रजातियां ऐसी होती है। जो बहुत महंगी बिकती है जिन्हें बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में लोग बड़े चाव से खाते हैं | इसलिए मछली पालन भी एक अच्छा व्यवसाय साबित हो रहा है।
तालाब में मछली की संख्या
मछली पालन शुरू करने के लिए आपको एक तालाब की जरूरत होती है। तालाब का आकार एक एकड़ का होना चाहिए जिसमें मछली का बीज डाला जाता है। एक एकड़ तालाब में 4-5 हजार मछली के बच्चे डाले जा सकते है।मछली के बच्चे की संख्या अधिक होने पर दूसरे तालाब का प्रबंध करना चाहिए।
तालाब में पानी की मात्रा
अगर आपके पास में खुद की जमीन तालाब नहीं है तो चिंता करने की कोई बात नहीं आप किसी दूसरे का तालाब किराए पर लेकर भी मछली पालन कर सकते हैं | बाजार में तीन प्रकार की मछली आती है। जिसमे सबसे नीचे रहने वाली मछलीहोती है जो तालाब की साथ पर रहती है, दुसरे प्रकार की मछली पानी के मध्य भाग में अधिक समय रहती है, तथा तीसरी मछली पानी की ऊपरी सतह पर रहना पसंद करती है। आप अपनी सुविधानुसार चुन सकते है। इन मछलियों के जीवन चक्र को पूरा होने के लिए तालाब में पानी का स्तर 1.5 से 2 मीटर तक भरा होना चाहिए।
मछलियों के तालाब की तैयारी विधि
जिसमें मछलियां के बीज डाले जाएंगे। तालाब की उर्वरक शक्ति बढ़ाने के लिए मछली बीज संचयन से पहले 200 से 600 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बुझे हुए चूने का प्रयोग करें तथा 200 कुंतल प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की खाद तालाब में डालें तथा पानी का छिड़काव करते रहे। इसके साथ ही इस तरह की खाद्य सामग्री मछलियों को दी जाती है जिनके बारे में आप मछली पालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। अगर तालाब का पानी गहरा गहरा नीला हो जाए तो इन रसायनों का प्रयोग रोक देना चाहिए तथा सामान्य होने पर फिर से शुरू कर सकते हैं तथा समय-समय पर पानी की जांच तथा मछलियों की जांच अवश्य करा दें।
मछली पालन में खर्चा
इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए 15 से 2000000 रुपए का खर्च आता है जिसमें से 75 फ़ीसदी खर्च सरकार अपनी योजनाओं के तहत करती है तथा बाकी पैसा आपको लगाना पड़ता है तथा उसमें भी कुछ सब्सिडी का भी प्रावधान है।
मछलियों का आहार
मछलियों को उचित मात्रा में आहार तथा पोषण देने से पैदावार में वृद्धि होती है। तालाब में मछलियों को पूर्ण आहार के रूप में 40 किलो चावल का छिलका और 40 किलो सरसों की खल, 10 किलो मछली का चुरा, 10 किलो मोटा अनाज (गेहू,बाजरा,जौ, मक्का आदि) को पीसकर दिन में दो बार बराबर मात्रा में देना चाहिए अथवा मछलियां के कुल अनुमानित बजन के 1 से 2% भार के बराबर प्रतिदिन मछलियों को देना चाहिए।
जिससे उनके विकास में वृद्धि तथा तालाब में समय-समय पर जाल चला कर उनकी वृद्धि कि जानकारी करते रहना चाहिए। मछली का उत्पादन उसकी किस्म और उनकी पोषण आहार पर भी निर्भर करता है। अच्छी किस्म की मछली को पूरक आहार कृत्रिम भोजन दिया जाए तो वह जल्दी विकास करती है।
मछली पालन के लिए प्रजाति
मछली की प्रजाति का चयन करते समय आपको ध्यान रखना है कि आप अच्छी और प्रमुख प्रजाति का ही चयन करें जिसमें से कुछ प्रजाति है | जिनका उत्पादन अच्छा बताया गया है | जिनमें कतला, रोहू, सिल्वर, मृगल, कार्य, ग्रास,भाकुर,कैटफिश व नैना मछली का पालन होता है।
इनका बीज किसी भी हैचरी से खरीदा जा सकता है तथा 200 से ₹400 किलो बेचा जा सकता है मछली बीज डालने के बाद जरूरी है कि इनकी नियमित देखभाल करते रहे | तथा कोई समस्या आने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें या किसी विशेषज्ञ की भी सलाह ले सकते हैं मछली फसल पैदा होने की अवधिमछली बीज डालने के 25 से 30 दिनों के बाद मछली की पूरी फसल तैयार हो जाती है
ध्यान रहे कि आपको मछली का बीज किसी भरोसेमंद हेचरी यह फिश फार्मिंग से ही खरीदने चाहिए। वैसे आपकी सहूलियत के लिए सभी जिलों तथा राज्यों में मछली पालन विभाग स्थापित किए गए हैं। जो संस्थानों पर मछली पालन की सभी ट्रेनिंग दी जाती है
मछली पालन से कमाई
इस तरह से ही मछली पालन करने से कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। यह एक फायदे का बिजनेस साबित हो सकता है। एक अनुमान के मुताबिक एक हेक्टेयर तालाब से सालाना 4 से ₹5लाख का मुनाफा हो सकत है।
मछली पालन के लिए लोन की सुविधा
इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए तथा सरकार से लोन पास कराने के लिए आपको अपने मछली पालन प्रोजेक्ट की एक फाइल तैयार करनी होगी जिसे आप मत्स्य पालन विभाग को दे सकते हैं तथा अपने इरादे उन्हें बता सकते हैं वह आपकी फाइल को अच्छी तरह देखने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए भेज देते हैं | इसके बाद समय-समय पर आप अपने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी करते रहना चाहिए मोदी सरकार ने मछली पालन को kcc कार्ड से जोड़ दिया है जिससे लोगो को कम व्याज पर लोन मिल सके।
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