सतत कृषि का मतलब है फसल को इस तरह उगाना जो अभी और भविष्य में भी पर्यावरण के लिए अनुकूल हो, किसानों के लिए सही हो, और समुदायों के लिए सुरक्षित हो। हानिकारक रसायनों का उपयोग करने या मिट्टी को नुकसान पहुँचाने के बजाय यह फसलों को बदलने, खाद का उपयोग करने और पानी बचाने जैसे प्राकृतिक तरीकों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण न केवल प्रकृति की रक्षा करने में मदद करता है, बल्कि किसानों की लागत कम करके और उन्हें एक स्थिर आय अर्जित करने में भी मदद करता है। इसका मतलब यह भी है कि हम जो खाना खाते हैं वह ताज़ा, स्वस्थ और अधिक जिम्मेदारी से उत्पादित हो सकता है। ऐसी दुनिया में जहाँ जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और खाद्य असुरक्षा वास्तविक समस्याएँ हैं, टिकाऊ कृषि एक बेहतर, दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है जो सभी को लाभान्वित करती है - हमारी फसल को उगाने वाले लोगों से लेकर इसे खाने वाले लोगों तक। छात्रों सहित युवा लोगों को यह सीखकर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए कि उनका भोजन कहाँ से आता है और ऐसे विकल्प चुनें जो एक स्वस्थ ग्रह का समर्थन करते हैं। संधारणीय कृषि क्या है? मृदा अपरदन, जलवायु परिवर्तन और खा...
अगर आप खरबूजा की खेती कर रहे हैं। तो यहां पर इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है। खरबूजा देखने में जितना स्वच्छ, चमकीला होता है। खाने में इतना ही मीठा एवं पौष्टिक होता है। यह हमारे लिए गर्मियों में खाने के लिए बेहतरीन फलों में से एक है। इसकी खेती गर्मियों में की जाती है। इस समय इसकी मांग अधिक होती है। जो किसान गर्मियों में खरबूजा की खेती करते हैं। वह इससे अच्छी आमदनी करत सकते है। खरबूजा की खेती कैसे करें ? यह एसी फसल है जो कम पानी तथा कम लागत में भी संभव है। खरबूजा की कीमत गर्मियों में अधिक मिलती है क्योंकि यह अनेक गुड़ों से भरपूर होता है। खरबूजा खाने से पेट की समस्या में राहत मिलती है। खरबूजा की खेती पुरे साल की जाती है।लेकिन देश के उत्तरी भाग में इसकी खेती गर्मियों में की जाती है। चलिए खरबूजा की फसल के बारे में पूरी बात करते हैं। बुवाई का समय खरबूजा को देश के कई क्षेत्रो में उगा सकते हैं। यहां किसकी खेती सालभर की जाती है। देश के उत्तरी भाग में किसान इसकी खेती 15 फरवरी से करना प्रारंभ कर देते हैं। यह समय इसकी खेती के लिए उत्तम होता है। यह महीना Kharbuza ki kheti के लिए अच्छा माना ज...