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पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ कैसे उठाएं?

अगर आपने अभी तक सोलर पैनल नहीं लगाए हैं तो सरकार ने आपकोसोलर लगाने के लिए मौका दिया है। केंद्र सरकार की 2024 की नई योजना के तहत सौर ऊर्जा की बिजली का उपयोग कर सकते हैं। देश के एक करोड़ घरों के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना को शुरू कर दिया गया है। लगातार बढ़ रही बिजली खपत व बढ़ते बिजली बिल को कम करने के लिए देश के एक करोड़ घरों में केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ दिया जाएगा।

पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना

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योजना के अंतर्गत देश भर में आवासीय भवनों की खाली छात्रों पर सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाकर बिजली उत्पन्न करने की योजना है। जिसके जरिए लोग सोलर पैनल से बनने वाली बिजली, सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन का उपयोग कर सकेंगे। यह योजना घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा अपने को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई सरकारी पहल है। योजना का प्राथमिक उद्देश्य घर ​​के मालिकों के लिए सौर ऊर्जा को अधिक सुलभ बनाने, बिजली के बिल को कम करने और भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान करने और घरों में सौर छत प्रणाली को बढ़ावा देना है। इस प्रकार ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम करना, बिजली की लागत में कटौती करना और नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।

सरकार सौर ऊर्जा की क्षमता मैं अपनी हिस्सेदारी को सशक्त करने के लिए 29 फरवरी 2024 को पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी। इसकी कुल लागत 75021 करोड रुपए है। इस योजना को केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। राज्य सरकार अपने क्षेत्र में रूफटॉप सोलर लगाने के लिए जरूरी सुविधा का उपाय करेंगे। परिवारों को 300 यूनिट फ्री बिजली मिल सकेगी। अपने प्रयासों के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सोलर रूफटॉप पहल है।

योजना की मुख्य विशेषता

सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशनइस योजना के तहत लोगों को अपनी खुद की बिजली पैदा करने के लिए खाली छात्रों पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  1. सब्सिडी\वित्तीय सहायता- जो उपभोक्ता अपनी घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थपित करना चाहते है। सरकार सोलर पैनल लगाने के लिए ऐसे पात्र व्यक्तियों को सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इससे उपभोक्ता के लिए शुरुआती लागत कम हो जाती है।
  2. सौर छत प्रणाली स्थापना- यह योजना घरों को बिजली पैदा करने के लिए अपनी छतों पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे लाखों परिवारों को अपनी बिजली पैदा करने और ग्रिड पर निर्भरता कम करने में सक्षम होने से लाभ होने की उम्मीद है।
  3. लक्षित उपभोक्ता- यह योजना मुख्य रूप से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आवासीय परिवारों को लक्षित करती है। इसका पहला उद्देश्य कम आय वाले परिवारों और उन लोगों को बिजली पहुंचाना है जिनके पास निरंतर बिजली आपूर्ति तक पहुंच नहीं है।
  4. प्रदूषण रहित ऊर्जा को बढ़ावा देना- सोलर ऊर्जा प्रदुषण रहित प्रणाली है। जो स्वच्छ सौर ऊर्जा को प्रसारित करती है। यह वायुमंडल में कार्वन को काम करने व जलवायु परिवर्तन में सहायक है।
  5. बिजली बिल में बचत- सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित करने वाले गृहस्वामी अपने मासिक बिजली बिल में बचत कर सकते हैं, क्योंकि वे अपनी खुद की बिजली पैदा करेंगे। इस बिजली (अतिरिक्त ऊर्जा) को अक्सर नेट मीटरिंग प्रणाली के माध्यम से ग्रिड में वापस भेजा जा सकता है, जो उन्हें आय अर्जित करने या बचत प्राप्त करने में सहायक है।
  6. योजना तक आसान पहुंच- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सरकार ने अधिकृत एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों को शामिल किया है। जो उपभोक्ताओं के लिए सोलर रूफटॉप स्थापित करने की प्रक्रिया को पूरा करेंगे।

योजना का लाभ

उपभोक्ता बिजली बचाकर बिजली बिल कम कर सकता है। जो बचत का मार्ग खोलेगी। अतिरिक्त उत्पन्न बिजली डिस्काम (DISCOM) को बेचकर निरंतर आए की जा सकती है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट सोलर से प्रतिमाह 300 यूनिट तक बिजली खपत वाले परिवार सालाना लगभग ₹15000 की बचत का आश्वासन दिया है।

योजना के तहत सब्सिडी लागत के एक महत्वपूर्ण हिस्से को कवर कर सकती है। जो घर के मालिकों केलिए महत्वपर्ण हो सकती है। सूर्य घर योजना के द्वारा 2 किलोवाट सोलर पैनल लगाने की कीमत का 60% की सहायता सरकार की तरफ से दी जाएगी।तथा 2-3 किलोवाट सोलर लगाने पर अतिरिक्त लागत को 40% की सब्सिडी दी जाएगी।

योजना में सब्सिडी की सीमा 3 किलोवाट तक सीमित रखी गई है। वर्तमान में 1 किलोवाट के लिए ₹30000 सब्सिडी के रूप में दिए जायेंगे। 2 किलो वाट के लिए 60,000 तथा 3 किलो वाट के लिए अधिकतम सब्सिडी सीमा 78000 तक सीमित रखी गई है। जिससे औसत घरों के लिए सौर ऊर्जा अधिक आसान हो जाएगी।

सब्सिडी मिलने की समयावधि

PM SURYA GHAR YOJANA में सब्सिडी के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार उपभोक्ता को काम समय में सब्सिडी की रकम देने के लिए कार्यरत है। नई अपडेट के तहत लाभार्थी को 1 हफ्ते में सब्सिडी देने की प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा। जब की पहले इसमें 30 दिनों तक का समय लगता था। लाभार्थियों को जल्द सब्सिडी देने की प्रक्रिया को घटाकर 7 दिन कर दिया है। इस योजना में 1.30 करोड़ लोगों ने रजिस्टर प्रक्रिया पूरी कर ली है। 

योजना के लिए पात्रता

  • यह योजना भारत के नागरिकों के लिए शुरू की गई है।
  • आवेदक के घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
  • आवेदक के पास वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए।
  • आवेदक को किसी अन्य सब्सिडी का लाभ नहीं लेना चाहिए।
  • पात्र परिवार योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल या सत्यापित वितरकों और नामित सौर प्रदाताओं के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
  • मकान से सौर पैनल की अतिरिक्त बिजली नेट मीटरिंग सिस्टम के जरिये ग्रिड तक पहुंच होनी चाहिए।

लोन सुविधा का लाभ

सोलर पैनल लगाने के लिए बैंक द्वारा लोन का लाभ उठा सकते हैं। 3 किलोवाट तक के ऊर्जा सिस्टम को लगाने के लिए लगभग 7% ब्याज बिना किसी गारंटी के मिल सकता है।

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के लिए आवेदन करने के चरण

इच्छुक उपभोक्ता राष्ट्रीय पोर्टल www.pmsuryaghar.gov.in पर पंजीकरण करना होगा। यह राज्य और बिजली वितरण कंपनी का चयन करके किया जाना है। जहां पर विक्रेता और रूफटॉप सोलर ब्रांड चुन सकते हैं। जो आप स्थापित करना चाहते हैं। इसके आलावा पीएम सूर्य घर योजना के लिए आवेदन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) वेबसाइट के माध्यम से जमा किया जा सकता है।

आवेदन करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपका आवासीय भवन सौर पैनल स्थापना के लिए बुनियादी नियमों के अनुसार है। तय करें कि क्या आप सब्सिडी के लिए योग्य है, खासकर यदि आप ऐसे क्षेत्र या कार्य से हैं जहां इसका लाभ नहीं मिलता।

अनुमोदन एवं वित्तीय सहायता

एक बार आपका आवेदन स्वीकृत हो जाने पर, सरकार सब्सिडी अनुमोदन प्रदान करेगी, और आप सौर प्रणाली स्थापना के लिए वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगे। सौर पैनल की स्थापना एक अधिकृत सौर कंपनी द्वारा की जाएगी, जो किसी भी आवश्यक परमिट प्राप्त करने और सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने में भी सहायता करेगी।

  • स्थापना और निगरानी- सौर पैनल की स्थापना के बाद उससे उत्पन्न ऊर्जा उत्पादन और उसके प्रदर्शन की निगरानी की जाएगी। ऊर्जा के उत्पादन और प्रदर्शन की जांच करने के लिए डिजिटल टूल का उपयोग करेंगे। जो आपको सिस्टम के प्रदर्शन और उसके ऊर्जा उत्पादन का सही स्तर बताता है।
  • नेट मीटरिंग- उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को वापस ग्रिड में फीड करने  के लिए नेट मीटरिंग के जरिये भेजा जाता है। इससे आपके बिजली बिल में कमी आ सकती है, क्योंकि आपको अतिरक्त ऊर्जा से आय होती है।

सयंत्र लगाने में चुनौतियाँ पर विचार

  1. प्रारंभिक लागत: सयंत्र लगाने की शुरूआती लगत सब्सिडी के साथ भी, कुछ कम आय वाले परिवारों के लिए बाधा बन सकती है।
  2. छत की जगह- सोलर सिस्टम के प्रभावी ढंग से काम करने को सुनिश्चित करने के लिए छत पर पर्याप्त जगह और सूरज की रोशनी के लिए उचित खुली आवश्यकता होती है। आज कल कुछ आवासीय इमारतों में सौर पैनल स्थापना के लिए उपयुक्त छतें नहीं हो सकती हैं।
  3. सयंत्र का रखरखाव- जबकि सौर पैनल प्रणाली अपेक्षाकृत कम रखरखाव वाली होती है। परन्तु अधिकतम दक्षता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सफाई और निगरानी की आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष

पीएम सूर्य घर योजना आवासीय घरों के लिए सौर ऊर्जा को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करके और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देकर परिवारों के लिए बिजली की लागत को कम करने में मदद करती है। साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता और देश के नवीकरणीय सौर ऊर्जा लक्ष्यों में भी योगदान देती है।

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