अगर आपने अभी तक सोलर पैनल नहीं लगवाए हैं तो सरकार ने आपको सोलर पैनल लगवाने का मौका दिया है। केंद्र सरकार की 2024 की नई योजना के तहत आप घर में सोलर एनर्जी से बनने वाली बिजली का इस्तेमाल कर सकते हैं। देश के एक करोड़ घरों के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है। लगातार बढ़ती बिजली की खपत और बढ़ते बिजली बिल को कम करने के लिए देश के एक करोड़ घरों को केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
पी.एम. सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना
इस योजना के तहत देशभर में रिहायशी इमारतों की खाली छतों पर सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाकर बिजली पैदा करने की योजना है। जिससे लोग सोलर पैनल से बनने वाली बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे, सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह योजना घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई एक सरकारी पहल है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य घर के मालिकों के लिए सौर ऊर्जा को अधिक सुलभ बनाना, बिजली के बिल को कम करना और भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देना और घरों में सोलर रूफटॉप सिस्टम को बढ़ावा देना है। इस प्रकार ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम करना, बिजली की लागत में कटौती करना और नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
सरकार ने सौर ऊर्जा क्षमता में अपनी हिस्सेदारी मजबूत करने के लिए 13 फरवरी 2024 को पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी। इसकी कुल लागत 75021 करोड़ रुपये है। इस योजना को केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर लागू करेंगी। राज्य सरकार अपने क्षेत्र में रूफटॉप सोलर लगाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। परिवारों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिल सकेगी। यह भारत सरकार द्वारा अपने प्रयासों के तहत शुरू की गई सोलर रूफटॉप पहल है।
बिजली योजना की उपलब्धियाँ
योजना के तहत 10 मार्च, 2025 तक, देश भर में 1.09 मिलियन सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा चुके हैं। जिस पर कुल 613,000 लाभार्थियों को सफलतापूर्वक सब्सिडी मिल चुकी है। सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने के लिए अब तक 473,000 आवेदन किये गए हैं। सफल प्रणालियों को सब्सिडी 15 दिनों के भीतर बैंक खातों में जमा कर दी जाती है। बैंकों द्वारा 6.75% की कम ब्याज दर पर ₹200,000 तक के ऋण उपलब्ध हो सकते हैं। जो बिना किसी जमानत के ऋण दिए जाते हैं। इसके जरिये छत और सौर ऊर्जा संयंत्र अब आम जनता के लिए ज़्यादा सुलभ हैं। 3 किलोवाट की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली को मात्र ₹15,000 में लगाया जा सकता है। निवेशक 25 वर्षों में ₹1.5 मिलियन तक के रिटर्न की उम्मीद की जा रही हैं। ऋण आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित है और ऑनलाइन संचालित की जा रही है।
अब तक, सरकार को 310,000 ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 158,000 ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 128,000 वितरित किए जा चुके हैं। 3 किलोवाट रूफटॉप सिस्टम के लिए 78,000 रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध है। कई राज्यों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सरकार ने चंडीगढ़, दमन और दीव में सरकारी भवनों के लिए 100% लक्ष्य हासिल कर लिया है। स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में देश में अग्रणी हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
योजना की मुख्य विशेषता
इस योजना के तहत लोगों को अपनी खुद की बिजली पैदा करने के लिए खाली छात्रों पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- सब्सिडी\वित्तीय सहायता- जो उपभोक्ता अपनी घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थपित करना चाहते है। सरकार सोलर पैनल लगाने के लिए ऐसे पात्र व्यक्तियों को सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इससे उपभोक्ता के लिए शुरुआती लागत कम हो जाती है।
- सौर छत प्रणाली स्थापना- यह योजना घरों को बिजली पैदा करने के लिए अपनी छतों पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे लाखों परिवारों को अपनी बिजली पैदा करने और ग्रिड पर निर्भरता कम करने में सक्षम होने से लाभ होने की उम्मीद है।
- लक्षित उपभोक्ता- यह योजना मुख्य रूप से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आवासीय परिवारों को लक्षित करती है। इसका पहला उद्देश्य कम आय वाले परिवारों और उन लोगों को बिजली पहुंचाना है जिनके पास निरंतर बिजली आपूर्ति तक पहुंच नहीं है।
- प्रदूषण रहित ऊर्जा को बढ़ावा देना- सोलर ऊर्जा प्रदुषण रहित प्रणाली है। जो स्वच्छ सौर ऊर्जा को प्रसारित करती है। यह वायुमंडल में कार्वन को काम करने व जलवायु परिवर्तन में सहायक है।
- बिजली बिल में बचत- सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित करने वाले गृहस्वामी अपने मासिक बिजली बिल में बचत कर सकते हैं, क्योंकि वे अपनी खुद की बिजली पैदा करेंगे। इस बिजली (अतिरिक्त ऊर्जा) को अक्सर नेट मीटरिंग प्रणाली के माध्यम से ग्रिड में वापस भेजा जा सकता है, जो उन्हें आय अर्जित करने या बचत प्राप्त करने में सहायक है।
- योजना तक आसान पहुंच- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सरकार ने अधिकृत एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों को शामिल किया है। जो उपभोक्ताओं के लिए सोलर रूफटॉप स्थापित करने की प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
योजना का लाभ
उपभोक्ता बिजली बचाकर बिजली बिल कम कर सकता है। जो बचत का मार्ग खोलेगी। अतिरिक्त उत्पन्न बिजली डिस्काम (DISCOM) को बेचकर निरंतर आय की जा सकती है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट सोलर से प्रतिमाह 300 यूनिट तक बिजली खपत वाले परिवार सालाना लगभग ₹15000 तक की बचत कर सकेंगे।
योजना के तहत सब्सिडी लागत के एक महत्वपूर्ण हिस्से को कवर कर सकती है। जो घर के मालिकों केलिए महत्वपर्ण हो सकती है। सूर्य घर योजना के द्वारा 2 किलोवाट सोलर पैनल लगाने की कीमत का 60% की सहायता सरकार की तरफ से दी जाएगी तथा 2-3 किलोवाट सोलर लगाने पर अतिरिक्त लागत को 40% की सब्सिडी दी जाएगी।
योजना में सब्सिडी की सीमा 3 किलोवाट तक सीमित रखी गई है। वर्तमान में 1 किलोवाट के लिए ₹30000 सब्सिडी के रूप में दिए जायेंगे। 2 किलो वाट के लिए 60,000 तथा 3 किलो वाट के लिए अधिकतम सब्सिडी सीमा 78000 तक सीमित रखी गई है। जिससे औसत घरों के लिए सौर ऊर्जा अधिक आसान हो जाएगी।
सब्सिडी मिलने की समयावधि
PM SURYA GHAR YOJANA में सब्सिडी के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार उपभोक्ता को कम समय में सब्सिडी की रकम देने के लिए कार्यरत है। नई अपडेट के तहत लाभार्थी को 1 हफ्ते में सब्सिडी देने की प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा। जब की पहले इसमें 30 दिनों तक का समय लगता था। लाभार्थियों को जल्द सब्सिडी देने की प्रक्रिया को घटाकर 7 दिन कर दिया है। इस योजना में 1.30 करोड़ लोगों ने रजिस्टर प्रक्रिया पूरी कर ली है।
सोलर सिस्टम लगाने पर15 दिनों के भीतर सब्सिडी बैंक खाते में जमा हो जाती है। जो 6.75 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर ₹200000 तक के ऋण उपलब्ध हैं। कोई संपार्श्विक की आवश्यकता नहीं है। छत और सौर स्थापना अब आम जनता के लिए अधिक आसानी उपलब्ध हैं। 15,000 तक की लागत से स्थापित 3 किलोवाट की छत वाली सौर प्रणाली 25 वर्षों में 15 लाख तक का रिटर्न दे सकती है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित है और ऑनलाइन संचालित की जाती है। अब तक 3 लाख 10000 ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 1,58,000 ऋण स्वीकार किए गए हैं और 128,000 दिए गए हैं। 3 किलोवाट की छत वाली सब्सिडी 78,000 तक है। कई राज्यों में उल्लेखनीय प्रगति, चंडीगढ़, दमन और दीव में सरकारी इमारतों में 100% स्वच्छ ऊर्जा अपनाने का लक्ष्य हासिल हुआ। देश में अग्रणी, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान और महाराष्ट्र में मजबूत परिणाम प्राप्त हुए है और 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान किया जा रहा है।
योजना के लिए पात्रता
- यह योजना भारत के नागरिकों के लिए शुरू की गई है।
- आवेदक के घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
- आवेदक के पास वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए।
- आवेदक को किसी अन्य सोलर पैनल सब्सिडी योजना का लाभ न लिया हो।
- पात्र परिवार योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल या सत्यापित वितरकों और नामित सौर प्रदाताओं के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
- मकान से सौर पैनल की अतिरिक्त बिजली नेट मीटरिंग सिस्टम के जरिये ग्रिड तक पहुंच होनी चाहिए।
- आवेदन के लिए pmsuryaghar.gov.in पर पंजीकरण कर सकते है।
- राज्य बिजली वितरण कंपनी उपभोक्ता संख्या, मोबाइल नंबर और ईमेल जैसी जानकारी मांगी जा सकती है पंजीकरण के बाद ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होगा।
सब्सिडी का लाभ
इस कार्यक्रम में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या बहुत अधिक है। यह संख्या बढ़ती जा रही है। कार्यक्रम की शुरुआत में चार हजार विक्रेताओं को नामांकित किया गया था। लेकिन, अभी यह संख्या बढ़कर 13,000 हो गई है। प्रत्येक विक्रेता जानकार और अनुभवी कर्मचारियों का उपयोग करता है। इसके अलावा वे गुणवत्ता नियंत्रण भी कर रहे हैं। उन्हें मंत्रालय से प्रशिक्षण भी मिल रहा है। सरकार सोलर पैनल लगाने के लिए उच्च योग्य और सक्षम कर्मचारियों को नियुक्त कर रही है। कई राज्य सब्सिडी के लिए आगे आ रहे हैं। केंद्र के अलावा राज्य भी सब्सिडी दे रहे हैं। दोनों सरकारों की संयुक्त सब्सिडी की बदौलत एक करोड़ का लक्ष्य जल्दी पूरा हो सकता है।
लोन सुविधा का लाभ
सोलर पैनल लगाने के लिए बैंक द्वारा लोन का लाभ उठा सकते हैं। 3 किलोवाट तक के ऊर्जा सिस्टम को लगाने के लिए लगभग 7% ब्याज बिना किसी गारंटी के मिल सकता है।
आवेदन करने के चरण
इच्छुक उपभोक्ता राष्ट्रीय पोर्टल www.pmsuryaghar.gov.in पर पंजीकरण करना होगा। यह राज्य और बिजली वितरण कंपनी का चयन करके किया जाना है। जहां पर विक्रेता और रूफटॉप सोलर ब्रांड चुन सकते हैं। जो आप स्थापित करना चाहते हैं। इसके आलावा पीएम सूर्य घर योजना के लिए आवेदन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) वेबसाइट के माध्यम से जमा किया जा सकता है। आवेदन करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपका आवासीय भवन सौर पैनल स्थापना के लिए बुनियादी नियमों के अनुसार है। तय करें कि क्या आप सब्सिडी के लिए योग्य है, खासकर यदि आप ऐसे क्षेत्र या कार्य से हैं जहां इसका लाभ नहीं मिलता।
आवेदन की प्रक्रिया
आवेदक को सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इनमें छत के स्वामित्व का प्रमाण, पहचान पत्र, आवास प्रमाण पत्र और बिजली बिल शामिल हैं। आवेदन के बाद इसे स्वीकृत किया जाना चाहिए। अनुमोदन के बाद DISCOM अधिकृत विक्रेता से सोलर पैनल स्थापित करता है।
अनुमोदन एवं वित्तीय सहायता
एक बार आपका आवेदन स्वीकृत हो जाने पर, सरकार सब्सिडी अनुमोदन प्रदान करेगी, और आप सौर प्रणाली स्थापना के लिए वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगे। सौर पैनल की स्थापना एक अधिकृत सौर कंपनी द्वारा की जाएगी, जो किसी भी आवश्यक परमिट प्राप्त करने और सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने में भी सहायता करेगी।
स्थापना और निगरानी- सौर पैनल की स्थापना के बाद उससे उत्पन्न ऊर्जा उत्पादन और उसके प्रदर्शन की निगरानी की जाएगी। ऊर्जा के उत्पादन और प्रदर्शन की जांच करने के लिए डिजिटल टूल का उपयोग करेंगे। जो आपको सिस्टम के प्रदर्शन और उसके ऊर्जा उत्पादन का सही स्तर बताता है।
नेट मीटरिंग- उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को वापस ग्रिड में फीड करने के लिए नेट मीटरिंग के जरिये भेजा जाता है। इससे आपके बिजली बिल में कमी आ सकती है, क्योंकि आपको अतिरक्त ऊर्जा से आय होती है।
योजना से प्रभाव
सोलर पैनल से बिजली बनने से CO2 उत्सर्जन में 720 मिलियन टन की कमी आएगी। जिससे पर्यावरण पर महत्वपूर्ण लाभकारी प्रभाव पड़ेगा। यह अनुमान है कि विविध क्षेत्रों में लगभग 17 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। यह रोजगार सृजन और राष्ट्रीय आर्थिक विस्तार को प्रोत्साहित करेगा। प्रत्येक जिले में एक मंडल सौर ग्राम (आदर्श सौर ग्राम) का निर्माण होगा। ग्रामीण क्षेत्रों को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे 8,000 करोड़ रुपये आवंटित किये जाएंगे। प्रत्येक चालू मॉडल सौर ग्राम को 1 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। ऐसे क्षेत्र में 5000 से अधिक लोग रहने चाहिए, या किसी विशिष्ट श्रेणी में 2000 लोग होने चाहिए। एसे अक्षय ऊर्जा की सबसे अधिक संभावना वाले गांव को 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा।
रोजगार के अवसर
योजना का लक्ष्य
इस योजना के माध्यम से 10 मिलियन घरों को सोलर सहायता प्रदान करना है। जो मार्च 2027 तक 10 मिलियन घरों तक सौर ऊर्जा तक पहुँच प्रदान करना है। जिससे मार्च 2027 तक अतिरिक्त 27 गीगावाट बिजली उतपन्न करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। घरों की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से निःशुल्क बिजली प्रदान की जाएगी। जिससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी। सौर प्रणाली से व्यक्तियों को अपनी ऊर्जा स्वयं उत्पादित करने में सक्षम बनाया जाएगा। जो कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा। (जो प्रत्येक घर में 100 पेड़ लगाने के बराबर है) यह जलवायु परिवर्तन शमन में योगदान देने के साथ ही केंद्र सरकार का विश्व स्तर पर सबसे बड़ा घरेलू छत सौर कार्यक्रम है। यह भारत के ऊर्जा परिदृश्य को बदलकर, नवीकरणीय ऊर्जा ढांचे को बढ़ावा देगा। जिससे मेक इन इंडिया के लिए परीक्षण मानकों को प्रोत्साहित किया जायेगा।
निष्कर्ष
पीएम सूर्य घर योजना आवासीय घरों के लिए सौर ऊर्जा को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करके और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देकर परिवारों के लिए बिजली की लागत को कम करने में मदद करती है। साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता और देश के नवीकरणीय सौर ऊर्जा लक्ष्यों में भी योगदान देती है।
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