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आज हम घर में लगाए जाने वाले ऐसे शुभ पौधों के बारे में बात करेंगे जो वास्तु और ग्रह स्वामी के लिए लाभकारी होते हैं। ये पेड़-पौधे फूल और फलदार पौधे होते हैं जो अपने आस-पास के वातावरण को शांति, पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं। ये पौधे आपके जीवन की सभी मुश्किलों को आसान बनाने में मददगार साबित होते हैं। तो चलिए बात करते हैं।
घर के आंगन में इन पौधों को दें जगह
इस कड़ी मे कई तरह के पौधे आते है जिनमें देवीय एवं औषधीय गुड विद्धमान होते हैं। सही जानकारी होने पर इन से लाभ प्राप्त किया जा सकता है। तो जानते हैं कि कौन सा पौधा घर में कहां व किस दिशा में लगाएं इन्हें लगाने से किसी व्यक्ति तथा घर के सदस्यों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इन पौधों को घर में लगाने से इनकी देखरेख कर सकते हैं। कोई पौधा अगर स्वयं किसी स्थान पर उग जाता है।
तो उसके गुण एवं प्रभाव अधिक होता है। तो आप किसी भी तरीके का पौधा लगाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वास्तु तथा हिंदू शास्त्रों में पौधों को विशेष महत्व दिया गया है। फेंगशुई में भी पौधों को अहम माना गया है। पौधे एवं उनकी फूल पत्तियां सजावट के साथ-साथ आकर्षण भी होती है। वह विभिन्न धर्म स्थान घर ऑफिस तथा वातावरण में अपनी उपस्थिति से चार चांद लगा देते हैं।
जिन्हें देखकर मन को शांति की अनुभूति होती है। इसलिए हमें ऐसे पौधों का चयन करना चाहिए जो घर में सुख शांति समृद्धि में सहायक हो। कुछ पौधे नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। जिन्हें हमें दूरी बनाए रखना है। नकारात्मकता आने वालों को घर में स्थान नहीं दिया जाता। यह पौधे आसपास या दरवाजे के सामने होने से इसका प्रभाव घर के सभी सदस्य पर पड़ता है। नकारात्मक ऊर्जा देने वाले पौधे आसानी से किसी भी जगह उग जाते हैं।
इन पेड़ो को लगाने से बचें
यह अक्सर कटीले पौधे हो सकते हैं। तथा अन्य प्रकार के पौधे होते हैं। जैसे बबूल का पेड़ ,केले का पेड़, पीपल, बरगद, यादी सामान्य पेड़ है। ,जो कहीं भी आसानी से जाते हैं। धीरे-धीरे अपना प्रभाव दिखाते हैं। घर के अंदर आंगन में बिल्कुल नहीं लगाना चाहिए। इन पौधों को घर के आँगन में विल्कुल नहीं लगाना चाहिए। तथा बीमारियों का कारण बनते हैं
पीपल और बरगद का पेड़ दीर्घ जीवी एवं विशाल होते हैं। पीपल तथा बरगद की उम्र लगभग 200 साल तक हो सकती है। यह विशाल एवं ठोस मजबूत पेड़ है। इनको दैवीय वृक्ष माना जाता है। तथा पीपल बरगद सभी देवी देवताओं वास करते हैं। इनमें अनेक गुड़ विद्वामान होते हैं।
पीपल बरगद की पूजा हिंदू शास्त्रों में शुभ मानी जाती है। जिससे अनेक ग्रह दोष एवं अन्य समस्याओं का समाधान होता है। इस पेड़ को घर के आसपास या घर के अंदर तथा घर के सामने नहीं लगाना चाहिए। पीपल एवं बरगद के पेड़ को घर से दूर लगा सकते हैं। तथा उसकी नियमित पूजा कर सकते हैं। जिससे अनेक लाभ प्राप्त किए जाते हैं।
घर के आँगन में इन पेड़ों को जगह दें।
तो जानते हैं कि आप किन पेड़ों को घर के आंगन में उगा सकते हैं। घर के आँगन के लिए इन पेड़ों का चयन करें। जिन्हें आप घर के आंगन में उगाकर विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
- तुलसी
- केला
- आंवला
- अशोक का पेड़
- गुड़हल
- अनार का पेड़
- मनी प्लांट इत्यादि
इन पेड़ों पौधों को घर में उगा सकते हैं। जो अत्यंत शुभ फ़लदाई होते हैं। इसके साथ ही अन्य पौधे हैं। जिन्हें गमले में उगा कर घर में रखना चाहिए। इनसे भी विशेष लाभ व्यक्ति को प्राप्त होते हैं। तुलसी, केला बेल तथा आंवला का पूजा में विशेष महत्व है। इनकी नित्य पूजा करने से सुख समृद्धि धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- केला का पौधा
इस पेड़ को बिना लकड़ी वाला पौधा भी कहते हैं। यह आसानी से कहीं भी उगा सकते हैं। भगवान विष्णु की पूजा में इसका विशेष महत्व है। इसकी पूजा से समस्त मनोकामना की पूर्ति हो जाती है। बृहस्पतिवार को किसकी पूजा की जाती है। जो धन-धान्य सुख समृद्धि वैभव आदि की प्राप्ति होती है। यह एक कंद से अनेक विकसित कर लेते हैं। केले के पेड़ को घर में किसी भी दिन लगा सकते हैं।
इस पेड़ को घर के आंगन में उगाकर नियमित पूजा करनी चाहिए। साथ ही इसे घर के पूर्व दिशा की तरफ भी लगा सकते हैं। केले के पेड़ में जल की मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें जल तत्व विद्यमान रहता है। इसकी पत्तियां लगभग 5 फीट तक लंबी तथा डेढ़ फीट चौड़ी होती है। प्राचीन समय में ऋषि मुनि केले की पत्तियों पर खाते थे। आज भी भारत में कई राज्यों में इसे भोजन से संबंधित कार्यों में लिया जाता है। इसे घर के आंगन में होना शुभ होता है। एवं नित्य सुबह के दर्शन करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- बेलपत्र का पेड़
यह पेड़ सभी सभी साधारण पेड़ों की तरह ही होता है। लेकिन यह साधारण नहीं होता। बेलपत्र एक विशाल वृक्ष होता है। जिस पर लंबे-लंबे कांटे होते हैं। जो अपने फलों की हिफाजत करते हैं। इस पेड़ की लकड़ी काफी मजबूत होती है। यह हरा भरा अति सुंदर वृक्ष होता है। जो अपने फलों की वजह से काफी प्रसिद्ध है। इससे फलों में अद्भुत शीतलता शांति एवं स्वाद विद्यमान रहता है।
जो प्राकृतिक होता है। साथ ही अनेक औषधीय गुणों से भरपूर उसका फल होता है। इस पर स्वयं शिव का वास माना गया है। साथ ही शिव की पूजा में इसका विशेष महत्व है। इस पेड़ को घर में लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। जिस घर में यह पेड़ होता है। वहां पर कोई व्याधि नहीं आती। घर के आंगन में लगाकर इसकी पूजा करने से शिव कृपा प्राप्त होती है। साथ ही इसकी पत्तियां 7, 9, 11 की संख्या में शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। वह भक्त की सभी मनोकामना की पूर्ति करते हैं।
श्रावण मास में इसको किसी मंदिर में लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस पेड़ को घर के बगीचे या आंगन में जरूर उगाना चाहिए। हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस पेड़ को उगाने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। उसी तरह इस हरे भरे पेड़ को बिना परिस्थिति के हमें काटना नहीं चाहिए। इसे काटने से दोष लगता है। इसलिए संभव ना हो तो आंगन के बजाय इसे बगीचे में लगा सकते हैं।
- आंवला का पेड़
यह बाकी पेड़ों की तरह ही मजबूत वृक्ष होता है। इसका फल गोल चमकदार औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसकी लंबाई लगभग 30 फीट से 40 फीट तक हो सकती है। इसका फल अनेक रोगों के इलाज के काम में आता है। इससे कब्ज, सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि लोगों का इलाज संभव है। इसका प्रयोग पूजा में भी किया जाता है। इस की टहनी की आवश्यकता होती है। इस पेड़ को आप अपने बगीचे में जरूर स्थान दें।
आंवले के पेड़ |
आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का निवास होता है। यह वृक्ष भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। हर साल आने वाले कार्तिक शुक्ल नवमी तथा अक्षय नवमी के व्रत का विशेष महत्व है। इस भृव्रत को आंवला नवमी भी कहते हैं। इस दिन महिलाएं स्थान दान, पूजा, तर्पण तथा अन्न के दान से अनंत फल मिलता है। पदम पुराण में आंवला वृक्ष भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है। इस वृक्ष के मूल में विष्णु, ऊपर ब्रह्मा ,कंद में रुद्र, शाखाओं में मुनिगढ़, टहनियों में देवता, पत्तों में बसु, फूलों में मरुधर तथा फलों में प्रजापति विद्वान होते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टि से आंवला अत्यंत गुणकारी स्वास्थ्यवर्धक फल है। इसे अमृत फल भी कहा जाता है। इस फल का हमेशा सेवन किया जा सकता है। इसका घर के आंगन में होने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। इसकी नित्य पूजा शुभ फलदाई होती है। इसका नवमी को किए गए व्रतदान ,विप्र भोजन, पूजा-अर्चना से संतान का सुख प्राप्त होता है। इस दिन दिए गए दान से उच्च पद की प्राप्ति होती है। और पापों से मुक्ति मिलती है। पितृदोष के निवारण एवं उद्धार के लिए कुमरे का दान श्रेष्ठ होता है। इससे पित्र दोष का निवारण संभव होता है।
- गुड़हल का पेड़
कई बार हमारी परेशानियां बढ़ती जाती है।हम समस्याओं में फस जाते है। धन यश मान सम्मान तथा नौकरी में समस्या पैदा हो जाती है। इससे हम बहुत परेशान हो जाते हैं। कोई रास्ता समझ में नहीं आता तो गुड़हल का पेड़ आपकी मदद कर सकता है। गुड़हल का पेड़ लगभग 8 फीट लंबा होता है। जिस पर लाल रंग के फूल आते हैं। अध्यात्म की दृष्टि से इसे शुभ माना जाता है। अगर इसे घर में लगा दिया जाता है।इसे घर के आंगन में सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। कुछ खास तरह से प्रयोग करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर है तो उसके जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ऐसे जातक के विवाह में देरी होती है ऐसे में जातक को घर के आंगन में लाल रंग के गुड़हल का पौधा जरूर लगाना चाहिए।
दुःख निवारण उपाय
- अगर आप के मान सम्मान में कमी के साथ एकाग्रता में भी कमी है। तो यह सूर्य की कमजोर स्थिति के कारण होता है। ऐसे में घर के पूर्व में गुड़हल का पेड़ लगा दे। यह सकारात्मक ऊर्जा का विकास करेगा
- गुड़हल का उपयोग जातक की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए भी किया जाता है। गुड़हल के फूल को मंगलवार के दिन हनुमान जी को चढ़ाने से आर्थिक स्थिति ठीक हो जाती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी को भी गुड़हल का फूल चढ़ाया जाए। इससे घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
- गुड़हल का फूल नियमित भगवान सूर्य को अर्घ देते समय अर्पित करना चाहिए। इससे बिजनेस नौकरी व्यापार में बढ़ोतरी होती है।
- अगर आपके जीवन में अनेक तकलीफ एवं कष्ट है। तो मां दुर्गा के चरणों में लाल चूड़ियां सिंदूर के साथ गुड़हल के फूल अर्पित करें।
- अशोक का पेड़- घर के आंगन में अगर अशोक का पेड़ पाया जाए तो यह शुभ होता है। अशोक के पेड़ के पत्ते शुभ कार्य में प्रयोग किए जाते हैं। यह पेड़ लंबा एवं सीधा ऊंचाई तक जाता है। इसके पत्ते लंबे एवं कम चौड़े होते हैं। अशोक के पेड़ से धन संबंधित समस्या खत्म हो जाती है। जिन घरों में धन नहीं रुकता वह अपने घर के आंगन में अशोक का पेड़ लगा सकते हैं। आप अशोक के पेड़ की जड़ लेकर अपने घर के पूजा स्थान पर रख दे। नित्य उसकी पूजा करें और धीरे-धीरे धन संबंधी आपकी समस्या दूर हो जाएगी। आपके घर में धन की कमी नहीं होगी।
- अनार का पेड़ - अनार के पेड़ को भी शुभ माना जाता है। इसका घर में होना शुभ होता है। जहां हमें अनार के रूप में एक फल प्रदान करता है। जिससे मनुष्य के शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ती है। अनार के पेड़ पर लाल रंग का फल आता है। एवं पुष्प भी लाल रंग का होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को कम करता है। अनार का पेड़ धन को आकर्षित करता है।
- तुलसी का पौधा -जब भी बात तुलसी की होती है तो हमारे भाव में भक्ति की भावना उत्पन्न हो जाती है दिल कल से मनुष्य तुलसी की पूजा करता रहा है इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है तुलसी को आंगन में वाटर विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है तुलसी मैं मां लक्ष्मी का वास होता है तथा इसे घर के आंगन में लगाने से अनंत फल की प्राप्ति होती है।
- तुलसी का महत्त्व- मां लक्ष्मी की पूजा में चावल का विशेष महत्व है। जब भी हम मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करनी होती है तब चावल का प्रयोग अनिवार्य होता है तुलसी की पूजा भी चावल का प्रयोग किया जाता है उसी के पास दीपक जलाने दीपक के नीचे चावल का आसन जरूर होना चाहिए इससे लक्ष्मी का सदा के लिए आपके घर में निवास हो जाएगा पूजा में चावल का प्रयोग है तथा दीपक प्रज्वलित करना होता है इसलिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
घर में बांस के पौधे से लाभ
हमारा घर एक मंदिर है। जहाँ हम अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीते हैं। हमें घर की पूर्व दिशा में लकी बैम्बू प्लांट लगाना चाहिए। आंगन को ब्रह्मस्थान कहा जाता है। इसे पूरे घर में सबसे महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। सभी देवी-देवता यहीं निवास करते हैं। इस स्थान को हमेशा साफ और स्वच्छ रखें। अगर घर का आंगन दोष मुक्त है। तो इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है।
घर के आंगन को सजा कर रखने से देव कृपा प्राप्त होती है। ब्रह्मस्थान के शुभ फल देने से समस्त घर के वास्तु दोषों का निवारण हो जाता है। घर में कोई भी कांटेदार पौधा नहीं लगाना चाहिए। वास्तु के अनुसार हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए के घर के सामने भी कोई कांटेदार पेड़ ना हो। इससे घर को के सदस्यों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बांस के पेड़ को घर के सामने लगाने की सलाह दी जाती है।
आँगन में लगाए तुलसी का पौधा लगाएं
तुलसी को घर के आंगन में उगाने का विशेष महत्व है। घर के आंगन में तुलसी का पौधा उगा दिया जाए तो यह घर के सदस्य एवं घर के वास्तु दोषों का निवारण करने की क्षमता लगता है। तुलसी के पौधे को घर के आंगन में उगाकर नित्य उसकी पूजा करनी चाहिए।
जिन घरों में तुलसी का पौधा नहीं होता। ऐसे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है। तुलसी को घर के आंगन में उगाने का विशेष महत्व है। घर के आंगन में तुलसी का पौधा उगा दिया जाए तो यह घर के सदस्य एवं घर के वास्तु दोषों का निवारण करने की क्षमता लगता है। तुलसी के पौधे को घर के आंगन में उगाकर नित्य उसकी पूजा करनी चाहिए।
हिंदू धर्म में स्त्री एवं पुरुष दोनों ही तुलसी की पूजा करके सौभाग्य की प्राप्ति करते हैं। तुलसी हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। भगवान श्री कृष्ण की पूजा प्रसाद में तुलसी का विशेष महत्व बताया गया है। तुलसी के पौधे में अनेक औषधीय गुण विद्यमान होते हैं। तुलसी के पौधे का हर भाग बहुत उपयोगी है। यह मनुष्य को अलग-अलग परेशानियों में लाभ देता है।
आँगन का महत्त्व
घर के आंगन को ब्रह्मस्थान माना गया है। यहां पर समस्त देवी देवताओं का वास होता है। यहां पर हमें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी का पौधा लगाना अत्यंत शुभ फलदाई होता है। तुलसी का पौधा साक्षात मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। जिसकी नित्य पूजा अर्चना की जाती है। इससे समस्त दोष एवं आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
जिन घरों में तुलसी का पौधा नहीं होता ,वहां पर धन संबंधी संबंधी परेशानी सदैव बनी रहती है। इसलिए हिंदू शास्त्र एवं मान्यताओं के अनुसार घर के आंगन में सिर्फ तुलसी का पौधा ही उगाना चाहिए एवं उसकी नित्य पूजा -अर्चना पूरे परिवार के साथ दीप धूप करनी चाहिए। जिससे घर में शांति का वातावरण स्थापित होता है एवं आर्थिक समस्या खत्म होती है।
घर में ब्रह्मस्थान का महत्त्व
घर का आंगन घर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। जो घर के सदस्यों की प्रगति उन्नति का कारण होता है। इस जगह पर कोई अनावश्यक भरी वस्तु ना रखें। यह घर के बिल्कुल मध्य में होता है। तथा उसे ब्रह्म स्थान कहते हैं। इसे चारों तरफ से खुला रखना चाहिए और सूर्य का सीधा प्रकाश ब्रह्मस्थान तक आना चाहिए।
वर्तमान की बात तो ब्रह्मस्थान जिसे आंगन कहते हैं। यह विलुप्त होता जा रहा है। लोग अब अपने घरों में आंगन नहीं रखते। जिससे उन्हें जीवन में काफी मुश्किलें उठानी पड़ती है। इस जमाने में घर के आंगन के लिए कोई स्थान नहीं है। हमें अपने घरों में इस स्थान को महत्व देना चाहिए। यह स्थान सिर्फ जमीन पर होता है। जमीन के ऊपर इसका कोई स्थान नहीं होता।
भाग्यशाली बांस लगायें
अगर लकी बैम्बू प्लांट की बात करें तो यह एक इनडोर प्लांट है। इसे घर के अंदर लगाया जाता है और इसे सीधे सूर्य की रोशनी के संपर्क में लाने से पौधे की वृद्धि रुक जाती है। यह धीरे-धीरे पीला पड़ने लगता है। इस जाति के बंबू घर में उगाए जाते हैं। वास्तु में लकी बंबू का विशेष महत्व है। फेंगशुई में लकी बैंबू हो सौभाग्य समृद्धि एवं धन प्राप्ति का सूचक माना गया है। यह घर के सदस्यों की लंबी आयु भी प्रदान करता है। लकी बंबू में सकारात्मकता का संचार करता है। तथा मन को शांत करता है। लकी बैंबू को घर या ऑफिस में रख सकते हैं। ऑफिस में रखने से व्यापार वृद्धि होती है। एवं धन की प्राप्ति होती है।
बांस के कितने डंठल लगाए
लकी बम्बू को प्रगति एवं सौभाग्य का प्रतीक माना जाता। है इसी वजह से लकी बम्बू घर में लगाया जाताहै। लकी बम्बू को घर में उगाने क लिए आप कांच के पात्र में बाँस के 5 डंठल लगा सकते है। घर में इस प्लांट को लगाने के लिये बांस के पांच ,सात,नौ डंठल शुभ माने जाते है। 9 का नंबर शुभ एवं सौभाग्य का प्रतीक है। आप बाम्बू के 9 डंठल घर में लगा सकते है।
बांस का पौधा किस दिशा में उगाए
लकी बम्बू को आप घर में उत्तर पूर्व दिशा में रख सकते हैं। या पूर्व दिशा में रख सकते हैं। इसे लाल रंग की रस्सी से आपस में बांधकर रखना चाहिए। काँच के पात्र में शुद्ध ताजा पानी में लकी बैंबू को लगाना चाहिए। इसे लगाने के बाद दो-तीन दिन के बाद पानी बदलते रहे। याद रखे कि प्लांट पर सीधे सूर्य का प्रकाश नहीं पढ़े। लकी बैंबू को कांच के पात्र में कुछ छोटे पत्थर डालकर उसके ऊपर लकी बैंबू प्लांट को लगा कर पानी भर देना चाहिए।
अगर प्लांट की पत्तियां पीली पड़ जाए तो इसे छांव में रखें। यह धीरे-धीरे बढ़ता रहेगा। बंबू प्लांट घर के मुखिया के लिए सुख समृद्धि का सूचक माना जाता है। बांस का पेड़ सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है तथा नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है। बांस का पेड़ घर के सामने लगा सकते हैं। वहां पर आप आसपास की छोटी प्रजाति लगा सकते हैं।
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