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सर्दियों में पशुपालन की देखभाल कैसे करें, किसानों के लिए सुझाव

ठण्ड के मौसम में पशुओ को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है। जिससे उत्पादन प्रभावित होता है। सर्दियों से पशुओ को बचने का विशेष प्रवन्ध करना जरुरी है, गाय ठंड के प्रति संवेदनशील होती है। इस मौसम में गाय को साफ गुनगुना या ताज़ा पानी पीने को दे साथ ही बड़ी गाय को 500 ग्राम गुड़ प्रतिदिन सर्दियों में खाने को देना चाहिए। साथ ही नमी से दूर रखें।

पशुओं को ठण्ड से बचाने के तरीके

सर्दी का समय आते ही वातावरण में बदलाव होने लगता है। और पशुओ के लिए भी यह बदलाव महत्वपूर्ण है। ठण्ड में अपने पशुओ को सर्दी लगने से बचाना जरुरी है। किसान अपने पशुओं को ठंड के मौसम से बचाने के लिए उनके रहने का उचित प्रवन्ध करे। हवा के द्वारा ठण्ड लगने का खतरा अधिक रहता है। ठंडी हवा से पशुओ को बचाकर सर्दी होने से बचाया जा सकता है। ठण्ड लगने से पशु सुस्त हो जाता है।

पशु चारा छोड़ देता है। साथ ही निमोनिया जैसे रोगो का खतरा बढ़ जाता है। सर्दियों में पशुओं के दूध में भारी कमी हो सकती है। सर्दियों में हरे चारे की मात्रा कम कर देनी चाहिए। साथ ही पानी का उपयोग कम से कम करे। पशुओं को अधिक ठंडी सामिग्री से बचाएँ। ग्राम में किसान अपने गाय, भैस, बकरी आदि को जूट की बोरी से ढँक कर रखे। सर्दियों में पशुओ को खाने के लिए संतुलित चारा के साथ पका हुआ बाजरा का दाना, गुड़, मैथी, काढ़ा आदि खाने को दें। पशुशाला में हवा के प्रवेश को रोके। साथ ही पशु को अधिक देर धूप के नजदीक रखे।

किसान अपने पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कई उपाय कर सकते हैं. सर्दी के मुख्य कारणों का पता लगाकर पशुओं की सर्दी से उचित रोकथाम की व्यवस्था करनी चाहिए।

पशु बाड़ों का उचित प्रबंधन

पशुओ को गहरी ठण्ड से बचाने के लिए उनके लिए हवा मुक्त बाड़ों का उचित प्रवन्ध करे। पशुओं को स्वच्छ और पर्याप्त, अछूता आश्रय प्रदान करें। पशु बाड़े में अधिक समय तक सूरज की रोशनी आने की व्यवस्था करें। जिससे आवास शुष्क एवं ड्राफ्ट-मुक्त है। गर्म आवास प्रबंधन उन्हें बाहर की सर्दी से बचता है।

ठंडी ज़मीन से सुरक्षा

जानवरों को ठंडी ज़मीन से दूर रखें। पशु बाड़े को नमी से बचाएँ। पशुओ के गोबर मूत्र को जमा न होने दे। सर्दियों में ज़मीन आधी गर्मी सोख लेती है। जमीन से गर्मी और इन्सुलेशन प्रदान करने के लिए पुआल, लकड़ी के छिलके, या अन्य बिस्तर सामग्री का उपयोग करें।

उचित पोषण प्रबंधन

सर्दियों में अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करने के लिए चारा राशन बढ़ाएँ। ठंड के मौसम में शरीर की गर्मी बनाए रखने के लिए जानवरों को अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। आहार प्रबंधन उन्हें अंदर से गर्म रखता है। सर्दियों में ऊर्जावान शरीर सर्दी और बीमारियों से बचाता है। पशुओं को संतुलित आहार में अनाज, बिनोली खल, चोकर खल जैसी मिश्रित सामग्री दी जा सकती है। बड़े जानवरों को भोजन में 250 ग्राम सरसों का तेल भी खाने को दिया जा सकता है।

पीने के पानी की व्यवस्था

सर्दियों में पानी का बहुत महत्व है। सुनिश्चित करें कि पालतू जानवरों को पीने के लिए ताजा पानी मिले, या गुनगुना पीने का पानी उपलब्ध कराएं। क्योंकि ठंडा पानी तापमान गिरा सकता है। आप गर्म पानी उपलब्ध कराने वाले किसी भी उपकरण की मदद ले सकते हैं।

स्वास्थ्य जांच

जानवरों की नियमित रूप से निगरानी करें और यदि उनमें ठंड से तनाव, जैसे कंपकंपी या जानवरों में सुस्ती के लक्षण दिखाई दें तो किसी भी स्वास्थ्य समस्या का तुरंत समाधान करें। सर्दियों के मौसम में पशुओ को सर्दी, जुकाम, दस्त,अफरा, खुरपका,मुहपका, निमोनिया, जैसे घातक रोग हो सकते है। इन रोगो से पशुओं की सुरक्षा जरुरी है। इनसे बचने के लिए समय पर टीकाकरण कराये।

ठंडी तेज हवा से बचाव

जानवरों को ठंडी हवा से बचाने के लिए पेड़ लगाएं या किसी बंद जगह पर बांधे, जिससे ठंड की स्थिति बढ़ सकती है। इसके आलावा पशुओ अधिक समय तक खुली जगह पर न बांधे। पशुओं के कमरों के रोशनदान, खिड़की, दरबाजो टाट के बोरों से ढंक कर रखें। साथ ही अलाव जलाकर अतिरिक्त गर्मी पैदा की जा सकती है।

पशुओ को समूह में रखें

अगर आपके पास अधिक जानवर है तो उन्हें गर्म करने के लिए उन्हें समूह आवास में बाँधे। जानवरों को एक साथ रखने से उन्हें शरीर की गर्मी साझा करने में मदद मिल सकती है, जिससे ठंड का प्रभाव कम हो सकता है। ठंडी जगहों पर रहने बाले जानबर अधिक खाना खाते है और ठण्ड से बचने के लिए अपने बालो को बढ़ाकर झुण्ड में रहते है।

पशुओं को अतिरिक्त सुरक्षा दें

जिन पशुओं में सर्दी के शुरूआती लक्षण दिख रहे है उन्हें कोट और कंबल से अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करे। कम वजन वाले जानवर ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि उनका उचित पोषण हो और आवश्यकतानुसार उनके आहार को समायोजित करने पर विचार करें। नवजात बच्चों, कमजोर जानवरों, जैसे कि युवा या पतले जानवरों के लिए और पशुधन के लिए डिज़ाइन किए गए कंबल या कोट से ढंक कर अधिक सुरक्षा प्रदान करें। निवारण के लिए चिकित्सक से सलाह ले।

खुरों और पैरों की जांच करें

सर्दी के मौसम में अधिक ठण्ड के कारण खुरों में बर्फ जमा हो सकती है।जिसके कारण खुरपका जैसा हानिकारक रोग हो सकता है। पशु की नियमित रूप से खुरों की जांच करें और उन्हें साफ करें। खासकर बाहर रहने वाले पशुओं के खुरों की नियमित रूप से जांच करें और साफ करें। रोग निवारण के लिए चिकित्सक से सलाह ले।

इन सभी व्यापक दृष्टिकोण को अपनाकर और नियमित रूप से अपने जानवरों की जरूरतों का आकलन करके किसान उन्हें ठंड के मौसम के कठोर प्रभावों से प्रभावी ढंग से बचा सकते हैं।

पशु को ठण्ड लगने पर सावधानी बरतें

यदि किसी जानवर में ठंड के संपर्क में आने के शुरुआती लक्षण दिखते हैं, तो किसान घर पर सामान्य कार्य कर सकते हैं। जानवर को घर के अंदर या एक बंद, आश्रय वाले क्षेत्र में लाएँ जो सूखा, अछूता और हवा से सुरक्षित हो। गर्मी प्रदान करने के लिए विशिष्ट प्रकार के जानवरों के लिए डिज़ाइन किए गए कंबल या कोट का भी उपयोग करें।

यदि जानवर गीला है, तो उसे तौलिए या उपकरण का उपयोग करके सुखाएं। या फिर आप छोटी सी आग जलाकर पशुशाला में गर्मी पैदा कर सकते हैं। यदि जानवर गीला है, तो यह ठंड से अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।

यदि संभव हो तो जानवर का तापमान लें। सामान्य से कम शरीर का तापमान होने पर हाइपोथर्मिया का खतरा हो सकता है। इसके लिए तत्काल पशु चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। पशु को पीने के लिए गर्म पानी दें और भोजन दें, क्योंकि भोजन पचाने से शरीर में गर्मी पैदा होती है।

छोटे जानवरों में उनके शरीर के तापमान को धीरे-धीरे बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म वातावरण बनाएं। यदि जानवर वार्मिंग प्रयासों का जवाब नहीं देता है या गंभीर संकट के लक्षण दिखाता है, तो तुरंत पशु चिकित्सा से सहायता लें। पशु की वर्तमान स्थिति का समाधान होने के बाद, उसे भविष्य में इसी तरह के मुद्दों को रोकने के लिए पशुशाला और देखभाल प्रथाओं का मूल्यांकन करें।

जानवरों को रात में गर्म रखें

ठंडे क्षेत्रों में जानवरों को जीवित रहने के लिए भोजन की तलाश करनी पड़ती है। भोजन प्राप्त करना उनके लिए एक संघर्ष है। जो उन्हें लगातार करना पड़ता है. भोजन की तलाश में ये लंबी दूरी तय करते हैं। इतनी दूरी तय करने से शरीर में पैदा होने वाली अतिरिक्त ऊर्जा उन्हें गर्म रहने में मदद करती है।

कई जानवर दिन में सूरज की गर्मी को अवशोषित करते हैं और रात में उस गर्मी का उपयोग करते हैं। समूह में रहने वाले जानवर, जैसे भेड़ और गाय, एक-दूसरे के करीब खड़े होकर शरीर की गर्मी साझा करते हैं। जानवर अपने लिए सुरक्षित और बंद स्थानों का चयन करते हैं, जैसे गुफाएं या घास के ढेर, जो उन्हें ठंड से बचाते हैं।

कई जानवरों के पास मोटे फर या पंख होते हैं, जो उन्हें ठंड से बचाने में मदद करते हैं। सर्दियों में, कुछ जानवर अपने फर या पंख को और मोटा कर लेते हैं। ठंड के मौसम में जानवर अधिक कैलोरी युक्त आहार लेते हैं, जिससे उनके शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। कुछ जानवर रात में कम सक्रिय रहते हैं और गहरे सो जाते हैं, जिससे उनकी ऊर्जा बचती है। ठंड में, जानवरों का मेटाबॉलिज़्म तेजी से कार्य करता है, जिससे उनके शरीर में गर्मी पैदा होती है।

ठंडी जगह पर रहने वाले जानवरों को ठण्ड से सुरक्षा दें।

जो जानवर अधिक ठंडी जगह पर रहते है वह प्राकृतिक रूप से उन स्थानों के लिए निहित है। जन्म के साथ ही वह विशेष गुण व अनुभव से ढंके होते है जो उस क्षेत्र के लिए आवश्यक है। उस क्षेत्र में जीवित रहने व आवश्यक कार्यो के साथ अपने वचाव के तरीके बच्चे अपनी माँ एवं परिवार से सीखते है।

जिन जानवरों के पास मोटे फर या पंख होते हैं वह उन्हें ठंड से बचाने में मदद करते हैं। सर्दियों में, कई जानवर अपने फर को और भी घना कर लेते हैं। कुछ जानवर ठंड के मौसम में अपने शरीर के तापमान को कम करने के लिए मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देते हैं, जिससे वे कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।

समूह में रहने वाले जानवर, जैसे कि भेड़ या हिरण, एक-दूसरे के करीब खड़े होकर शरीर की गर्मी साझा करते हैं। मध्यम आकर वाले जानवर गुफाओं, घास के ढेर, या बर्फ के नीचे छिपने के स्थानों का उपयोग करते हैं, जो उन्हें ठंड से बचाते हैं।

कुछ जानवर, जैसे कि भालू, हाइबरनेशन में चले जाते हैं, जिससे वे ठंड के महीनों के दौरान ऊर्जा बचा सकते हैं।ठंड के मौसम में ये जानवर अधिक कैलोरी युक्त आहार का सेवन कर अधिक चर्वी जमा करते हैं, जो उन्हें गर्म रखने में मदद करता है। कई जानवरों के पैर बर्फ में चलने के लिए विशेष रूप से विकसित होते हैं, जैसे कि पैड या अन्य संरचनाएँ जो ठंड को अवशोषित नहीं होने देतीं।

इन अनुकूलनों के माध्यम से, ठंडी जलवायु में रहने वाले जानवर अपने जीवन को बनाए रखते हैं और ठंड के प्रभावों से बचते हैं।

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