किसानों की बिजली की खपत और निर्भरता को कम करने के लिए भारत सरकार ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा मार्च 2019 में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना शुरू की थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। तथा किसानों को बिजली की खपत कम करके सौर संयंत्रों के उपयोग से लाभान्वित करना है।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान - PM KUSUM YOJANA
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार तरह-तरह के प्रयास करती रहती है। इसी क्रम में सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना शुरू की है। इसके तहत राज्य सरकार और केंद्र सरकार भी बराबर का योगदान कर खेती की लागत कम कर किसान की आय बढ़ा रही है। किसान अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगाकर अतिरिक्त बिजली को विद्युत वितरण कंपनी (डिस्कॉम) को बेच सकेंगे। इससे उन्हें करीब 60 हजार रुपये से 1 लाख रुपये/हेक्टेयर की कमाई होने लगेगी। इससे प्रति वर्ष 15 लाख यूनिट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। यह योजना मार्च 2019 से मार्च 2026 तक के लिए लागू की गई है। इस योजना का लक्ष्य मार्च 2026 तक 34422 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता से करीब 34800 मेगावाट बिजली पैदा करना है।
योजना का उद्देश्य
- ईंधन एवं बिजली खपत से निर्भरता कम करके कमाई साधन उपलब्ध कराना
- बंजर भूमि का सही उपयोग से सोलर प्लांट लगाना
- डीजल, ईधन के खर्चे को बचाकर बिजली आपूर्ति पर निर्भरता कम करना।
- योजना के तहत 54 हजार सोलर पम्प सब्सिडी पर दिए जायेगे।
- योजना को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर शुरू किया गया है।
- किसानो को न्यूनतम खर्च पर योजना का लाभ देना।
- इस योजना के तहत पहले से स्थापित डीजल एवं बिजली से चलने वाले सिचाई पम्प को सोलर पम्प में बदला जा सकता है।
न्यूनतम भूमि की आवश्यकता
कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने के लिए कम से कम 4-5 एकड़ जमीन होनी चाहिए जिस पर सोलर पंप लगाकर सिंचाई की व्यवस्था की जा सके। योजना में सभी तरह की जमीन को शामिल किया गया है, चाहे वह बंजर हो, परती हो, चरागाह हो या फिर खेती के लिए उपयुक्त जमीन हो, उसका भी इस्तेमाल किया जा सकता है। किसान अपनी बंजर जमीन पर 2 मेगावाट ग्रिड तक का सोलर पावर प्लांट लगाकर बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) को बिजली बेच सकेंगे। इसका दायरा 5 किलोमीटर है।
लाभ के लिए पात्रता
योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों को दिया जाएगा। इस योजना में न्यूनतम 4-5 एकड़ भूमि अनिवार्य है। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को यूपी सरकार के कृषि विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। आवेदन प्रक्रिया पूरी करने के लिए आपको www.agriculture.up.gov.in पर खुद को रजिस्टर करना होगा। आगे की ऑनलाइन प्रक्रिया "सोलर पंप की बुकिंग" से पूरी करें। अनुदान का लाभ उठाने के लिए आगे बढ़ें और 5000 रुपये की टोकन मनी जमा करें।
बोरिंग एवं सोलर पम्प के लिए नियम
सोलर पंप योजना का लाभ लेने के लिए बोरिंग के नियम तय किए गए हैं। बिजली से वंचित क्षेत्रों के किसान डीजल पंप पर निर्भर हैं। इस योजना के तहत वे सोलर पंप लगवा सकते हैं। ऐसे किसानों को भविष्य में बिजली कनेक्शन नहीं दिया जाएगा।
- कुसुम योजना में जो किसान 2 HP सोलर पम्प लगा रहे है, उन्हें 4 इंच का बोरिंग करना होगा।
- जो 3 और 5 HP का सोलर पम्प ले रहे है, उन्हें 6 इंच का बोरिंग करना होगा।
- जिन्हे 7.5 से 10 HP की पम्प के लिए 8 इंच का बोरिंग होना जरुरी है।
- बोरिंग सुनिश्चित करने के लिए सत्यापन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। असत्य एवं नियमो का उलंघन करने पर आवेदन रद्द एवं टोकन जब्त हो जाएगी।
कितनी सब्सिडी मिलेगी?
कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाकर डीजल और बिजली की लागत को सीमित करने की योजना बनाई गई है। जिसमें केंद्र सरकार की ओर से 30% और राज्य सरकार की ओर से 30% सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा लाभार्थी बैंक से 30% का लोन भी ले सकते हैं।
सोलर पम्प की कीमत
कुसुम योजना के अंतर्गत मिलने बाले सोलर पम्प की कीमत उनकी छमता के अनुसार भिन्न है, यहाँ सोलर पंप लगाने में होने वाले खर्चे, कीमत और सब्सिडी के बारे में बताया गया है।
- जो किसान 3 HP समर्सिबल पम्प लगाएंगे, उसकी कीमत 232,721 रु है, इस पम्प को लगाने के लिए उन्हें 88088 बाद में + 5000 रु. टोकन मनी पहले देनी होगी। इस पर किसान को 139,633 रु. सरकार से सब्सिडी दी जाएगी। 3 HP के पंप की कुल वितरण संख्या 270 है।
- इसी तरह 5 HP AC समर्सिबल पम्प की कुल कीमत 327,498 रु है, इस पम्प को लगाने के लिए किसान को 125,999 का खर्चा बाद में + 5000 रु. टोकन मनी पहले जमा होगी। इस पर किसान को 196,499 रु. सरकार से सब्सिडी दी जाएगी। ये 5HP की कुल 200 समर्सिबल पम्प किसानों को वितरण की जाएगी।
- 7.5HP AC समर्सिबल पम्प के लिए कुल खर्चा 5000 टोकल मनी के साथ 444,094 रु. किसान को करना होगा। इस पर 266,456 रु. की सब्सिडी सरकार देगी। इस पम्प की कीमत 444,094 रु. है। ये 40 PCS समर्सिबल पम्प किसानों में बाँटे जायेंगे।
- जिन किसानों को अधिक पानी चाहिए वह 10 HP AC समर्सिबल पम्प लगवा सकते है, जिसके लिए 8 इंच की बोरिंग करनी होगी। इसकी कीमत 557,620 रु. है जिसमे 266,456 रु. सरकार देगी, और 5000 टोकन मनी के 284164 रु किसान को खर्च करने होंगे। यह 10 पम्प किसानो को दिए जायेगे। सब्सिडी को सीधे किसान के बैंक खाते में भेजा जायेगा।
आवेदन के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए आवेदन करने के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता (पासबुक), आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, जमीन के दस्तावेज, आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो आदि जरूरी दस्तावेज चाहिए। जरूरत पड़ने पर अन्य प्रमाण भी लिए जा सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें