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सिंचाई योजना: किसानों के खेत तक पानी

किसान अपने खेतों में भूजल का पानी उपयोग करते है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) सूक्ष्म सिचाई पर केंद्र प्रयोगित  योजना के रूप में लागू किया। पीएमकेएसवाई एक व्यापक योजना है जो पानी के कुशल उपयोग के माध्यम से सभी कृषि भूमि में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। प्रति बूंद अधिक फसल के अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)

सिंचाई योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका उद्देश्य कृषि सिंचाई को मजबूत करना और किसानों की व्यय को स्थिर करना है। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई सुविधा का विस्तार करना है ताकि सभी खेत तक पानी उपलब्ध हो सके। अब सभी फसलों को पूर्ण पानी उपलब्ध हो सकेगा। किसानों को पानी की सबसे अधिक जरूरत है। जल का सही उपयोग फसलों को पाने की कमी से रोकेगा। भारत सरकार जल संरक्षण तथा प्रबंधन को महत्व देने के लिए तत्पर है।

माननीय प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने जल संरक्षण के आशय से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) को "हर खेत को पानी" सुनिश्चित करने और उसका सही उपयोग करने के लिए प्रति बूँद अधिक फसल पर केंद्रित करके पानी की समस्या का समाधान तैयार किया। जो सिंचाई के कवरेज को बढ़ाता है। कैबिनेट समिति में 1 जुलाई 2015 को अपनी बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को मंजूरी दी। प्रति बूंद अधिक फसल योजना मुख्यतः सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली) के अंतर्गत प्रतिखेत जल उपयोगिता पर केंद्रित है।

पीएमकेएसवाई के प्रमुख घटक

  1. कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) एवं मौजूदा सिंचाई प्रणालियों के आधुनिकीकरण और विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें नहरों का नवीनीकरण, पंप हाउसों का निर्माण और ट्यूबवेलों की स्थापना शामिल है।
  2. पीएमकेएसवाई हर खेत को पानी, योजना की टैगलाइन (हर खेत को पानी) के अनुरूप सिंचाई कवरेज के तहत अधिक क्षेत्रों को लाने पर जोर दिया गया। इसमें लघु सिंचाई टैंक, लिफ्ट सिंचाई योजनाएं और वाटरशेड विकास जैसी लघु सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण शामिल है।
  3. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रति बूंद अधिक फसल को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों के माध्यम से पानी के कुशल उपयोग को बढ़ावा देता है।

योजना का उद्देश्य

  • खेत में पानी की पहुंच बढ़ाना जिससे कृषि योग्य भूमि का विस्तारहो सके।
  • जल का सदुपयोग एवं एकीकरण करना ताकि सर्वोत्तमप्रयासों के माध्यम से जल व्यर्थ ना हो।
  •  खेत में जल की उपयोग सीमा नियंत्रित करना।
  • पानी के दुरुपयोग को रोकना (प्रतिबून्द अधिक फसल) का साकार बनाना।
  • जल स्रोतों का पुर्नभरण एवं जल संरक्षण करना।
  • मृदा जल संरक्षण एवं वर्षा जल का संरक्षण आदि।
  • योजना में जल संरक्षण, जल प्रबंधन, फसल उत्पादन, जलसंचयन एवं किसान गतिविधि का विस्तार करना।

सिंचाई योजना के लाभ

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  • फसल में वृद्धि: ड्रिप सिचाई के कुशल उपयोग से भूजल विकास, जल संरक्षण एवं पौधे अधिक विकसित होते है।
  • किसानों की आय में वृद्धि: बूंद-बूंद सिंचाई अधिक प्रभावी एवं जल सुरक्षा से किसानों की आय में वृद्धि होती है।
  • जल सुरक्षा: पानी के सदुपयोग से सूखे के दौरान भी कृषि के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
  • ग्रामीण विकास: कृषि रोजगार के अवसर पैदा करता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।

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