Latest post
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
इन दिनों जैविक खेती के बारे में बहुत चर्चा हो रही है और इसके पीछे अच्छे कारण भी हैं क्योंकि जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए अच्छी है बल्कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी है। इस लेख में हम जैविक खेती के लाभों के बारे में जानेंगे और उन्हें प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए कुछ सुझाव देंगे।
जैविक खेती क्या है?
अगर आप गॉव से है तो खेती कृषि के बारे में अच्छी तरह जानते होंगे। खेती करने के लिए आपको रासायनिक खादों से परहेज करना होगा। और प्राकृतिक खाद का उपयोग कृषि में करना होगा | जैविक उत्पादों में 1990 के बाद विश्व में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ी है। जो मनुष्य एवं पौधों के लिए लाभदायक है।
जैविक खेती कृषि की वह विधि है जो प्राकृतिक विधि पर आधारित उर्वरकों के प्रयोग पर आधारित है। भूमि की उर्वरक शक्ति तथा उत्पादन शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं। जो फसल चक्र को बनाए रखने के लिए हरी खाद, कंपोस्ट खाद एवं प्राकृतिक खाद का उपयोग करती है। जिसे कार्बनिक कृषि भी कहते है।
आजकल जैविक खेती और जैविक खाद के बारे में बहुत चर्चा हो रही है। लेकिन जैविक खेती वास्तव में क्या है? और यह पर्यावरण और हम इंसानों दोनों के लिए बेहतर क्यों है? यह फसल उगाने और पशुधन पालने के लिए प्राकृतिक तरीकों का उपयोग है। इसमें सिंथेटिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बजाय फसल चक्र, कवर फ़सल और खाद बनाने जैसी टिकाऊ कृषि पद्धतियों का उपयोग करना शामिल है।
परिभाषा
यह खेती का एक प्रकार है जिसमें लंबी अवधि और ग्रीष्मकालीन उत्पादन के लिए रासायनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से कारखानों में निर्मित विभिन्न प्रकार के उर्वरकों, कीटनाशकों और खरपतवारनाशकों का उपयोग करने के बजाय, प्राकृतिक रूप से तैयार चीजों जैसे केंचुआ खाद, हरी खाद, गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट आदि का उपयोग करने की विधि को जैविक खेती कहा जाता है।
जैविक खेती के लाभ
कृषि में जैविक पदार्थ का बहुत बड़ा योगदान रहा है। जो पर्यावरण की द्रष्टि से महत्वपूर्ण है। रसायन खाद के प्रयोग से बंजर हो रही भूमि, जैविक खेती से बेहतर हो जाती है। इसके निम्नलिखित लाभ हो सकते है।
- जैविक खेती पर्यावरण के लिए बेहतर है। यह प्रदूषण और अपवाह को कम करता है, और हमारी मिट्टी को स्वस्थ और उपजाऊ बनाए रखने में मदद करता है।
- जैविक कृषि अधिक टिकाऊ है। यह पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक लाभदायक हो सकता है, और यह कम संसाधनों का उपयोग करता है।
- जैविक भोजन हमारे लिए स्वास्थ्यवर्धक है। इसमें पारंपरिक रूप से उगाए गए भोजन की तुलना में कम विषाक्त पदार्थ और हानिकारक रसायन होते हैं।
कार्बनिक उर्वरक लाभ
- किफ़ायतीयह रासायनिक उर्वरको से सस्ता पड़ता है|
- निवेश पर अच्छा रिटर्नइस उर्वरक को कम कीमत में तैयार कर सकते है|
- ऊंची मांग-पूरी तरह प्राकृतिक होने की वजह से इसके मांग बढ़ती जा रही है।
- पोषण-कैमिकल रहित होने की वजह से इससे उतपन्न फल सब्जी आदि पोषण से भरपूर होती है।
- वातावरण-जैविक खेती प्राकृतिक होने की वजह से यह वातावरण के अनुकूल है
जैविक खेती के लाभ
संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या तथा भोजन की आपूर्ति के लिए किसानों द्वारा अधिक दूध उत्पादन कीबोर्ड में बाजार में उपलब्ध रासायनिक खाद तथा जहरीली कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित हुई है इसके साथ ही प्रदूषण में वृद्धि हुई है
खेती की शुरुआत में मनुष्य स्वास्थ्य के अनुकूल तथा प्रकृति के अनुरूप खेती करता था जिसके फलस्वरूप वातावरण दूषित नहीं होता था। मानव को शुद्ध हवा पानी तथा भूमि प्राप्त होती थी तथा मनुष्य का जीवन निरोग एवं लंबा जीवन यापन होता था
धीरे-धीरे बढ़ती खाद्य पूर्ति ने मानव को रासायनिक ख्वाबों की तरफ बढ़ने लगा जिसमें उत्पादन तो अधिक हुआ और खाद्य संकट भी खत्म हो गया
लेकिन इसके साथ ही रासायनिक खादों और कीटनाशकों के प्रयोग से वातावरण एवं मानव स्वास्थ्य जीवन दूषित हो गया। लेकिन अब तक हम रासायनिक खादों के प्रयोग की जगह जैविक खाद का उपयोग करके अधिक उत्पादन ले सकते हैं जिससे वातावरण रहेगा एवं प्रत्येक मनुष्य स्वस्थ रहेगा
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयास
जैविक खेती को सर्वप्रथम मध्यप्रदेश में 2001 - 2002 मैं जिले के विकासखंड के एक-एक गांव में जैविक खेती की शुरुआत की गई। इन गांव को जैविक गांव कहा गया। पहले वर्ष में 313 गांव में जैविक खेती की गई और इसी तरह हर साल इन गांव की संख्या बढ़ती गई और पुनः 2006 - 2007 में सभी विकासखंड से 5 - 5 गांव का चयन किया गया।
इस तरह 3130 गांव में जैविक खेती कराई गई। मई 2002 में कृषि विभाग भोपाल में राष्ट्रीय स्तर का जैविक खेती पर सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें विशेषज्ञ तथा किसानों ने भाग लिया। जिसमें जैविक खेती करने हेतु प्रोत्साहित किया।
जैविक खेती के लिए प्रचार प्रसार कर के जागरूक किया जा रहा है। जिससे मनुष्य का स्वास्थ्य ठीक रहेगा तथा आयु में भी वृद्धि होगी। भारत में जैविक खेती करने में पहला स्थान है तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से नौ वां स्थान है। भारत में जैविक खेती योजनाएं 2015 में शुरू की गई थीं जो भारत सरकार द्वारा लगातार चलाई जा रही हैं।
- भारत में सिक्किम राज्य पूरा ऑर्गेनिक फार्म (organic farming)को अपनाया है इस राज्य में कोई भी किसान केमिकल उर्वरक का प्रयोग नहीं करता .
- इसी तरह शिमला, त्रिपुरा ,उत्तराखंड भी जैविक खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है तथा जैविक खेती के प्रति जागरूकता भी हो रही है
- जैविक खेती में लक्ष्यदीप भी ऑर्गेनिक खेती को अपना रहा है।
- उत्तर पूर्वी राज्यों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा केमिकल उर्वरकों का प्रयोग नहीं होता।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन (एमओवीसीडीएनईआर)- यह केंद्र सरकार द्वारा संचालित है। जिसे (एनएमएसए) सबमिशन के माध्यम से चलाया जा रहा है। इस योजना की शुरुआत 2015 में कृषि किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई थी। इसे सबसे पहले पूर्वोत्तर राज्यों में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य उचित जैविक उर्वरक के माध्यम से प्रमाणित जैविक खेती को बढ़ावा देना और जैविक उर्वरक निर्माता और उपभोक्ता के बीच संबंधों की रक्षा करना है।
- परम्परागत कृषि विकास योजना (pkvy)- इसमें गांव के लोगों को जैविक खेती के प्रति जागरूक और प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना की शुरुआत 2015 में की गई थी ताकि ज़्यादा से ज़्यादा जैविक उत्पाद तैयार किए जा सकें। इसमें प्रमाणिकता का प्रमाण पत्र देने के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रबंधन (HM) भी अपनी भूमिका निभा रहा है।
प्रमाणित योजना
- Food safety and standard authority of india (FSSAI)
- National program of organic production (NPOP)
- Health card scheme
- participatory guarantee scheme
जैविक खेती क्यों आवश्यक है
- टिकाऊ पारंपरिक कृषि-जैविक खेती को काफी समय से किसान करते आ रहे है। यह एक स्थिर और पारम्परिक खेती है।
- कृषि उत्पादकता-Organic farming एक ऐसी खेती है। जिसमे किसी भी रासायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं किया जाता। जिससे इसके फसल उत्पादन पर असर पड़ता है। रोजगार के अवसर-जैविक खेती को अपनाने से लोगो को पास ही रोजगार मिल जाता है जिससे गॉव से पलायन रुक जायेगा।
- स्वस्थ भोजन-आर्गेनिक फार्मिंग से प्राप्त खाद्य पदार्थ केमिकल रहित होने से मनुष्य एवं पशुओ को स्वस्थ भोजन प्राप्त होगा।
भारत का जैविक बाजार
- जैविक खाद का उपयोग भारत में बड़ी मात्रा में किया जा रहा है तथा भारत से जैविक खाद दूसरे देशों में भी भेजा जा रहा है जिससे भारत के जैविक बाजार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
- भारत में जैविक खेती का बाजार लगभग 100 करोड़ के आसपास पहुंच गया है।
- सिक्किम में 75000 हेक्टेयर में जैविक खेती होती है जो की पूरी तरह जैविक राज्य हो गया है।
- मध्यप्रदेश में बहुत सारे गांव जैविक खेती में की श्रेणी में आ गए हैं जिन्हें जैविक गॉव के नाम से भी जाना जाता है।
- जैविक रिपोर्ट के अनुसार 20 18 19 में जैविक खेती करने की दिशा में 50% की वृद्धि हुई है।
- भारत के राज्य आसाम, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड से जैविक खाद दूसरे देशों मैं भी जा रहा है जिनमें US, UK और इटली आदि देश शामिल है।
- भारत सरकार ने जैविक खेती के लिए प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें