सतत कृषि का मतलब है फसल को इस तरह उगाना जो अभी और भविष्य में भी पर्यावरण के लिए अनुकूल हो, किसानों के लिए सही हो, और समुदायों के लिए सुरक्षित हो। हानिकारक रसायनों का उपयोग करने या मिट्टी को नुकसान पहुँचाने के बजाय यह फसलों को बदलने, खाद का उपयोग करने और पानी बचाने जैसे प्राकृतिक तरीकों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण न केवल प्रकृति की रक्षा करने में मदद करता है, बल्कि किसानों की लागत कम करके और उन्हें एक स्थिर आय अर्जित करने में भी मदद करता है। इसका मतलब यह भी है कि हम जो खाना खाते हैं वह ताज़ा, स्वस्थ और अधिक जिम्मेदारी से उत्पादित हो सकता है। ऐसी दुनिया में जहाँ जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और खाद्य असुरक्षा वास्तविक समस्याएँ हैं, टिकाऊ कृषि एक बेहतर, दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है जो सभी को लाभान्वित करती है - हमारी फसल को उगाने वाले लोगों से लेकर इसे खाने वाले लोगों तक। छात्रों सहित युवा लोगों को यह सीखकर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए कि उनका भोजन कहाँ से आता है और ऐसे विकल्प चुनें जो एक स्वस्थ ग्रह का समर्थन करते हैं। संधारणीय कृषि क्या है? मृदा अपरदन, जलवायु परिवर्तन और खा...
अगर आप धान की खेती करते हैं तो सबसे पहले धान की पौध को तैयार किया जाता है। जिसके लिए आपको अच्छे स्वस्थ बीजों की आवश्यकता होती है। इसके बाद बीज का शोधन किया जाता है। धान के बीज का शोधन दो तरीके से किया जाता है। इन तरीकों का उपयोग करके धान की पौध को तैयार करके इसकी रोपाई कर सकते हैं। धान का बीज उपचार कैसे करें आज हम धान के बीज को उपचारित करके नर्सरी तैयार करने की आसान विधि को जानेंगे। धान का बीज उपचार उसमें लगने वाले रोगों से बचाव करने में सक्षम है। हम बीज उपचार करके नर्सरी तैयार करते हैं, जो हानिकारक रोग एवं कीट से फसल की सुरक्षा करता है। धान का बीज शोधन करने के लिए फफूंदनाशक दवा से धान के बीज का शोधन करना आवश्यक है। चयनित बीजो को पानी में डाल देते हैं, तथा खराब बीज को निकालना आवश्यक है। इसे फर्श पर फैला कर जूट की बोरी से ढक देते हैं। यह कार्य छांव में करना चाहिए। इसे 12 घंटे बाद फफूंद नाशक एवं जीवाणुनाशक दवा का आवश्यकतानुसार प्रयोग करना चाहिए। सभी दवा पाउडर के रूप में बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। ध्यान रखें धान के बीज उपचारित दवा को किसी प्रमाणित एवं भरोसेमंद जगह से खरीदें। अपने...