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धान के बीज को उपचारित करके नर्सरी कैसे तैयार करें

धान के बीज को उपचारित करके नर्सरी कैसे तैयार करें

अगर आप धान की खेती  करते हैं तो सबसे पहले धान की पौध को तैयार किया जाता है। जिसके लिए आपको अच्छे स्वस्थ बीजों की आवश्यकता होती है। इसके बाद बीज का शोधन किया जाता है। धान के बीज का शोधन दो तरीके से किया जाता है। इन तरीकों का उपयोग करके धान की पौध को तैयार करके इसकी रोपाई कर सकते हैं।

धान का बीज उपचार कैसे करें

आज हम धान के बीज को उपचारित करके नर्सरी तैयार करने की आसान विधि को जानेंगे। धान का बीज उपचार उसमें लगने वाले रोगों से बचाव करने में सक्षम है। हम बीज उपचार करके नर्सरी तैयार करते हैं, जो हानिकारक रोग एवं कीट से फसल की सुरक्षा करता है। धान का बीज शोधन करने के लिए फफूंदनाशक दवा से धान के बीज का शोधन करना आवश्यक है।

चयनित बीजो को पानी में डाल देते हैं, तथा खराब बीज को निकालना आवश्यक है। इसे फर्श पर फैला कर जूट की बोरी से ढक देते हैं। यह कार्य छांव में करना चाहिए। इसे 12 घंटे बाद फफूंद नाशक एवं जीवाणुनाशक दवा का आवश्यकतानुसार प्रयोग करना चाहिए। सभी दवा पाउडर के रूप में बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। ध्यान रखें धान के बीज उपचारित दवा को किसी प्रमाणित एवं भरोसेमंद जगह से खरीदें। अपने नजदीक उपलब्ध बाजार से फफूद नाशक एवं जीवाणु नाशक दवा परामर्श एवं परिस्थिति के अनुसार जानकारी लेकर ही खरीदें। 

धान की नर्सरी कैसे तैयार करे

धान के बीज को उपचारित करके नर्सरी कैसे तैयार करें

धान की नर्सरी की तैयारी करते समय सुनिश्चित करें की खेत में किसी प्रकार के ढेले न हो। साथ ही यह भी देख लें कि मिट्टी में पर्याप्त पोषक तत्व मौजूद हों। यह पोषक तत्व धान की पौध को विकसित होने में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर पोषक तत्वों की कमी है तो मिट्टी की जांच अवश्य कराएं तथा पोषक तत्व प्रबंधन करके धान के बीज की नर्सरी की तैयारी शुरू कर सकते हैं।

धान की नर्सरी में आवश्यकता होने पर सामान्य आकार की क्यारी तैयार करने में (1 हेक्टेयर के लिए) धान के लिए 5 - 6 कुंटल गोबर की सड़ी खाद अथवा कम्पोस्ट खाद का प्रयोग अवश्य करें। इसके अलावा 12 किलो नाइट्रोजन, 5 किलो पोटाश का उपयोग कर सकते हैं। तथा उसके बाद में पानी भरकर धान की बुआई करना लाभप्रद होता है। ध्यान रखें कि धान की बुआई करने से पहले धान के बीज में अंकुरण होना आवश्यक है।

बीज शोधन के फायदे

धान का बीज उपचार अत्यंत आवश्यक है। आप कोई भी फसल कर रहे हैं। अगर उसका बीज उपचार संभव है तो अवश्य करना चाहिए। धान का बीज शोधन फसल की आगे के जीवन की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। धान के बीज शोधन भी फसल की आने वाली बीमारी, कीट एवं अन्य तरीकों से सुरक्षा प्रदान करता है।

  • धान का बीज उपचार करना आसान है, बीज शोधन के लिए आवश्यक सामग्री आसानी से उपलब्ध है।
  • उपचारित बीज का अंकुरण अच्छा होता है, पौधों में जन्म से कोई रोग नहीं आता।
  • धान की पौध तेजी से विकसित होते हैं, फसल में बीमारी लगने की संभावना कम हो जाती है। 
  • बीज से अधिक एवं स्वस्थ कल्ले निकलते है।

  • फसल में बीज एवं मृदा जनित रोग एवं कीट से बचाव होता है।

धान की नर्सरी तैयार करने में बरतें सावधानियां

धान की नर्सरी तैयार करने के लिए नया प्रमाणित बीज का चयन करें। बीच का फसल अपने क्षेत्रमिति जलवायु के अनुसार ही करें। खेत की मिट्टी में देसी गोबर की खाद के साथ आवश्यकतानुसार उर्वरक का प्रयोग करें। सबसे पहले मिट्टी की जांच अवश्य कराएं।

धान के बीच का चयन

धान की फसल से बंपर पैदावार लेने के लिए सही बीच का चुनाव आवश्यक है। धान का बीज, देसी व संकर किस्में उपलब्ध है। बीज का चुनाव करते समय अपने उसके पकने की समय अवधि पैदावार एवं आवश्यक जरूरी जानकारी अवश्य ले लें। ऐसे बीच का चयन करें, जो आपके क्षेत्र के अनुकूल हो। साथ ही बीज की मात्रा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। सभी किस्म के बीज के लिए बीज की मात्रा भिन्न-भिन्न हो सकती है।

"धान के बीज को उपचारित करके नर्सरी कैसे तैयार करें। धान की बुवाई से पहले जरूरी है, कि धान का बीज उपचार कर लिया जाए। जिससे आने वाली फसल रोगों से मुक्त हो सके। आपको बता दें कि धान की फसल में अनेक प्रकार के कीट एवं रोगों का प्रकोप होता है। जो की फसल के लिए हानिकारक होते हैं। समय रहते इनका नियंत्रण आवश्यक है।"

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