सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संधारणीय कृषि: एक जिम्मेदार भविष्य का निर्माण

सतत कृषि का मतलब है फसल को इस तरह उगाना जो अभी और भविष्य में भी पर्यावरण के लिए अनुकूल हो, किसानों के लिए सही हो, और समुदायों के लिए सुरक्षित हो। हानिकारक रसायनों का उपयोग करने या मिट्टी को नुकसान पहुँचाने के बजाय यह फसलों को बदलने, खाद का उपयोग करने और पानी बचाने जैसे प्राकृतिक तरीकों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण न केवल प्रकृति की रक्षा करने में मदद करता है, बल्कि किसानों की लागत कम करके और उन्हें एक स्थिर आय अर्जित करने में भी मदद करता है। इसका मतलब यह भी है कि हम जो खाना खाते हैं वह ताज़ा, स्वस्थ और अधिक जिम्मेदारी से उत्पादित हो सकता है। ऐसी दुनिया में जहाँ जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और खाद्य असुरक्षा वास्तविक समस्याएँ हैं, टिकाऊ कृषि एक बेहतर, दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है जो सभी को लाभान्वित करती है - हमारी फसल को उगाने वाले लोगों से लेकर इसे खाने वाले लोगों तक। छात्रों सहित युवा लोगों को यह सीखकर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए कि उनका भोजन कहाँ से आता है और ऐसे विकल्प चुनें जो एक स्वस्थ ग्रह का समर्थन करते हैं। संधारणीय कृषि क्या है? मृदा अपरदन, जलवायु परिवर्तन और खा...

मिट्टी की जांच का आसान तरीका

जानकारी का अभाव कहें या कुछ और। किसान उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे हैं। जिसके फलस्वरूप मृदा में केमिकल रसायन की मात्रा बढ़ रही है। जो अधिक लागत का एक प्रमुख कारण भी है। इसके साथ ही मृदा स्वास्थ्य खराब हो रहा है। प्रकृति कीटों का विलय हो रहा है। पर्यावरण प्रदूषण में इजापा हो रहा है। मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। उर्वरकों के अधिक प्रयोग से मृदा का स्वाथ्य लगातार ख़राब हो रहा है। इसलिए किसानों को मृदा परीक्षण करना अत्यंत आवश्यक है। एक स्वस्थ, उच्च उत्पादन फसल लेने के लिए मिट्टी में 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसमें किसान तीन पोषक तत्व मृदा को देता है नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश। मृदा में इन सोलह पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करने से पहले उनकी कमी का स्तर जांचना चाहिए। जिसके लिए मिट्टी की जांच करना आवश्यक है।  मृदा परीक्षण क्या है? मृदा परीक्षण (Soil Testing) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य मृदा की गुणवत्ता, उसके पोषक तत्वों, और उसकी संरचना का मूल्यांकन करना है। इससे यह जानकारी मिलती है कि मृदा में कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं, और उन तत्वों क...